Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Himachal Weather : हिमाचल पर टूटी प्राकृतिक आफत; भूस्खलन से सड़कों पर सन्नाटा, बाढ़ से घरों में खौफ

मकान क्षतिग्रस्त, 396 सड़कें बंदः हिमाचल में अचानक बाढ़ और भूस्खलन से तबाही
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Himachal Weather : हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। यहां 396 सड़कें बाधित हैं, अनेक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, वाहन बह गए हैं और शिमला की कई पंचायतों से संपर्क टूट गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि किसी भी प्रकार की जनहानि की खबर नहीं है।

बुधवार रात से कंडाघाट में 100 मिमी, जत्तन बैराज में 87 मिमी, ऊना में 85.4 मिमी, सोलन में 81.4 मिमी, ओलिंडा में 76 मिमी, शिलारू में 73 मिमी, शिमला में 69 मिमी, कुफरी में 66 मिमी, जुब्बरहट्टी में 65.2 मिमी, कसौली में 62 मिमी, कोठी में 61.2, मुराई देवी में 51.8 और धर्मपुर में 50.2 मिमी बारिश हुई है। स्थानीय मौसम कार्यालय ने 20 अगस्त तक राज्य में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'येलो' अलर्ट जारी किया है। बुधवार शाम को शिमला, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति जिलों में कई स्थानों पर बादल फटने और अचानक बाढ़ आने की घटनाएं हुईं।

Advertisement

बुधवार रात को कुल्लू जिले के निरमंड उपमंडल में श्रीखंड पहाड़ी पर, बंजार उपमंडल में तीर्थन घाटी की बाथाढ़ पहाड़ी पर तथा शिमला के रामपुर क्षेत्र में नंती में बादल फटने की घटना हुई। अधिकारियों ने कहा, श्रीखंड पहाड़ी पर बादल फटने के कारण कुर्पन घाटी में बाढ़ आ गई और प्रशासन ने बागीपुल बाजार को तुरंत खाली करा लिया। अधिकारियों ने बताया कि तीर्थन नदी के किनारे बनी कुछ झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं और कुछ वाहन बह गए। कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा कि प्रशासन की एक टीम को नुकसान का आकलन करने का काम सौंपा गया है।

उन्होंने बताया कि कुछ झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं और वाहन बह गए हैं लेकिन अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। अधिकारियों के अनुसार, शिमला में तीन ग्राम पंचायतों गानवी, किआओ, कूट, किन्फी, कुटरू, सुरू, रूपनी, खनिधार और खेउंचा का सड़क संपर्क टूट गया है। अधिकारियों ने बताया कि गानवी क्षेत्र में 26 लोगों की झोपड़ियों, मकानों और दुकानों को नुकसान पहुंचने की खबरें हैं।

अधिकारियों ने बताया कि एक पुलिस चौकी और बिजली विभाग का एक गोदाम भी क्षतिग्रस्त हुआ है। कई जगहों पर कारें मलबे में दब गईं। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बारिश और भूस्खलन के कारण शिमला के जुब्बल उप-मंडल में शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है। भूस्खलन और पेड़ उखड़ने के कारण इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आईजीएमसी) जाने वाली सड़क बंद हो गई। शिमला शहर के कुछ अन्य हिस्सों से भी पेड़ उखड़ने की खबरें आईं।

लाहौल और स्पीति में, मयाड़ घाटी के करपट, चांगुत और उदगोस नाला अचानक आई बाढ़ से प्रभावित हुए। सेना ने बुधवार शाम को किन्नौर जिले में ऋषि डोगरी घाटी के ऊंचे इलाकों में अचानक आई बाढ़ के बाद एक घायल सहित चार लोगों को बचाया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (औट-सैंज मार्ग) सहित कुल 396 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। इनमें से 173 सड़कें मंडी जिले में और 71 कुल्लू जिले में हैं।

इसमें कहा गया है कि राज्य में 1,593 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 178 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि 20 जून को हिमाचल प्रदेश में मानसून आने से लेकर 13 अगस्त तक राज्य को 2,031 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बारिश से जुड़ी घटनाओं में 126 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लापता हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 63 अचानक बाढ़ की घटनाएं, 31 बादल फटने की घटनाएं और 57 बड़े भूस्खलन हुए हैं।

Advertisement
×