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Himachal Weather: हिमाचल में भारी बारिश के कारण 260 से अधिक सड़कें बंद, तीन जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट' जारी

शिमला, 5 जुलाई (भाषा) Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण 260 से अधिक सड़कें बंद हैं जिनमें से 176 अवरुद्ध सड़कें अकेले मंडी जिले में हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह...
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शिमला, 5 जुलाई (भाषा)

Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण 260 से अधिक सड़कें बंद हैं जिनमें से 176 अवरुद्ध सड़कें अकेले मंडी जिले में हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

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स्थानीय मौसम विभाग ने रविवार को कांगड़ा, सिरमौर और मंडी जिलों के कुछ स्थानों पर अत्याधिक बारिश की आशंका जताते हुए ‘रेड अलर्ट' जारी किया है। इसके अलावा ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, सोलन, शिमला और कुल्लू जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत बारिश की आशंका के मद्देनजर ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है।

एक दिन में 115.6 मिमी से 204.4 मिमी के बीच हुई वर्षा को बहुत भारी वर्षा की श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 204.4 मिमी से अधिक वर्षा को अति भारी वर्षा माना जाता है। पिछले वर्ष भारी मानसूनी बारिश के कारण राज्य में तबाही मची थी, जिसमें 550 से अधिक लोग मारे गए थे।

मौसम विभाग ने लोगों को भूस्खलन, अचानक बाढ़ आने, जलभराव होने और कमजोर ढांचों, फसलों एवं आवश्यक सेवाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका के प्रति सतर्क किया है। साथ ही नदी-नालों से दूर रहने और संवेदनशील इलाकों में न जाने की सलाह दी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, अब तक लगभग 541 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।

हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वास्तविक नुकसान करीब 700 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है क्योंकि आंकड़े अभी एकत्र किए जा रहे हैं। एसईओसी के मुताबिक, बारिश के कारण करीब 300 ट्रांसफॉर्मर और 281 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। राज्य के कई हिस्सों में शुक्रवार शाम से हल्की से मध्यम बारिश हुई।

जोगिंदरनगर में सबसे अधिक 52 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि नाहन और पालमपुर में 28.8 मिमी, पांवटा साहिब में 21 मिमी, ऊना में 18 मिमी, बरठीन में 17.4 मिमी, कांगड़ा में 15.6 मिमी और नैना देवी में 12.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। मानसून की शुरुआत 20 जून से हुई थी और तब से अब तक राज्य में कुल 72 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 45 मौतें बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन जैसी बारिश संबंधी घटनाओं के कारण हुई हैं।

मंडी जिले में सबसे अधिक नुकसान दर्ज किया गया है जहां मंगलवार को बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की 10 घटनाएं हुईं, जिनमें 14 लोगों की जान चली गई। इन घटनाओं के बाद 31 लोग अब भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए अभियान जारी है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में शनिवार, सोमवार और मंगलवार को भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है।

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