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Himachal Tragedy: बाढ़ से तबाह हुआ हिमाचल का बड़ा भंगाल, सभी सरकारी इमारतें बहीं

Himachal Tragedy: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धौलाधार पर्वतमाला में स्थित सुदूरवर्ती जनजातीय गांव बड़ा भंगाल फ्लैश फ्लड की चपेट में आ गया। रावी नदी में आई बाढ़ ने गांव में भारी तबाही मचाई और सभी सरकारी भवन बह...
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बाढ़ के पानी ने पंचायत घर, सरकारी प्राथमिक और उच्च विद्यालय भवन, नागरिक आपूर्ति भंडार, आयुर्वेदिक औषधालय और दो पुलों सहित प्रमुख सरकारी ढाँचों को नष्ट कर दिया है। फ़ाइल फ़ोटो
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Himachal Tragedy: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धौलाधार पर्वतमाला में स्थित सुदूरवर्ती जनजातीय गांव बड़ा भंगाल फ्लैश फ्लड की चपेट में आ गया। रावी नदी में आई बाढ़ ने गांव में भारी तबाही मचाई और सभी सरकारी भवन बह गए।

7,800 फीट की ऊंचाई पर बसा यह गांव केवल पैदल रास्तों से ही पहुंचा जा सकता है। फिलहाल थमसर दर्रा (4,700 मी.) और कलिहानी दर्रा (4,800 मी.) दोनों मार्ग बाढ़ व भूस्खलन के कारण बंद हो चुके हैं।

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गांव के सरपंच मंसा राम भंगालिया ने बताया कि “गांव पूरी तरह कट गया है। करीब 300 ग्रामीण फंसे हुए हैं जबकि 150 से अधिक चरवाहे और सैकड़ों भेड़-बकरियां व मवेशी ऊंचे चारागाहों पर फंसे हैं।”

बाढ़ में पंचायत घर, प्राथमिक व उच्च विद्यालय, नागरिक आपूर्ति केंद्र, आयुर्वेदिक औषधालय सहित दो पुल (एक लकड़ी का और एक रावी नदी पर बना) बह गए। इनके साथ ही राशन व दवाइयों का पूरा भंडार भी नष्ट हो गया।

सरपंच ने चेताया कि रावी नदी के किनारे पांच किलोमीटर तक भूमि कटाव हो चुका है और कई घर गिरने की कगार पर हैं। मुख्य पहुंच मार्ग भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे गांव का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।

ग्राम पंचायत ने बैजनाथ एसडीएम के तहत तत्काल हवाई सर्वे और राहत पहुंचाने की मांग की है। ग्रामीणों को भोजन और दवाओं की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि गद्दी समुदाय बहुल यह जनजातीय गांव हर साल छह माह तक बर्फ और खराब मौसम के कारण देश-दुनिया से कटा रहता है। यह इलाका हिमालयी पशुपालक जीवनशैली का अंतिम गढ़ माना जाता है, जो अब जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से गंभीर खतरे में है।

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