Himachal Rain Fury हिमाचल में बारिश का कहर: मंडी में फ्लैशफ्लड से 3 की मौत, धर्मशाला हाईवे भूस्खलन से बंद, सैकड़ों फंसे
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। मंडी में रातभर हुई मूसलाधार बारिश के बाद मंगलवार तड़के आई अचानक बाढ़ (फ्लैशफ्लड) ने तीन लोगों की जान ले ली, जबकि एक व्यक्ति लापता है। वहीं कांगड़ा जिले में भयंकर भूस्खलन के चलते धर्मशाला जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। इसके चलते सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं और जरूरी सेवाएं जैसे दूध और अखबार की आपूर्ति ठप हो गई है।
मंडी के टुंगल कॉलोनी में मंगलवार सुबह जेल रोड पर अचानक आई बाढ़ ने पूरे इलाके को तहस-नहस कर दिया। तेज बारिश के बाद जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा कि लोग संभल भी नहीं पाए। दर्जनों वाहन बह गए और घरों में पानी व मलबा भर गया। स्थानीय पार्षद हरदीप सिंह राजा के अनुसार, घटना उस समय हुई जब एक परिवार के चार सदस्य अपनी कार को सुरक्षित स्थान पर ले जाने निकले थे। तभी तेज बहाव ने तीन लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। एक सदस्य गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अब तक दो शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि एक व्यक्ति की तलाश के लिए राहत व बचाव कार्य जारी है। जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और स्वयंसेवकों की टीमें मलबा हटाने और प्रभावित लोगों की मदद में जुटी हैं।
संपर्क साधनों पर भी पड़ा असर
भारी बारिश और भूस्खलनों के कारण मंडी-कुल्लू के बीच चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध है, विशेष रूप से पंडोह के पास ‘4 मील’ और ‘9 मील’ पर। मंडी-पठानकोट मार्ग भी जोगिंदरनगर के पास लवांडी पुल पर भूस्खलन के कारण बंद है। इसके अलावा कई आंतरिक सड़कें भी बंद हैं या जलभराव से प्रभावित हैं। प्रशासन ने लोगों से बिना जरूरत यात्रा न करने की अपील की है।
कांगड़ा में भूस्खलन: धर्मशाला हाईवे ठप, प्रशासन नदारद
कांगड़ा जिले में मंगलवार तड़के करीब 3 बजे हुए भयंकर भूस्खलन ने धर्मशाला-मैक्लोडगंज को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया। दो दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर सड़क पर आ गिरे, जिससे सैकड़ों वाहन दोनों ओर फंस गए। दूध, अखबार और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहन भी इस अवरोध में फंस गए हैं।
स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई कि सुबह से कोई प्रशासनिक अधिकारी, एनएचएआई या पीडब्ल्यूडी का प्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा। घंटों बाद तक मलबा हटाने का कोई प्रयास नहीं किया गया। एक अखबार वितरक ने बताया, "मैं सुबह 4 बजे से फंसा हूं, न कोई सूचना है, न कोई सहायता।"
आगे बढ़ती आशंका
बारिश का यह कहर एक बार फिर पहाड़ी राज्यों की सड़क व्यवस्था की नाजुकता उजागर कर गया है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे क्षेत्र में और भूस्खलन व आपूर्ति बाधाओं की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन की ओर से राहत शिविर, चिकित्सा सहायता और भोजन जैसी आपात सेवाएं शुरू की गई हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अब भी फंसे हुए हैं और मदद की प्रतीक्षा कर रहे हैं।