Himachal News : एमएसएससी के लिए हिमाचल को केंद्र से मिला 50 करोड़ का अनुदान, घर-घर तक पहुंचेगी कई सुविधाएं
ज्ञान ठाकुर/शिमला, 05 मार्च(हप्र)
Himachal News : केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय डेटा सेंटर के लिए नगरपालिका साझा सेवा केंद्रों की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए का अनुदान मंजूर किया है। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज शिमला में कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों और प्रतिनिधित्व के कारण ये संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहरी स्थानीय निकायों का आधुनिकीकरण करके नगरपालिका प्रशासन को मजबूत करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सीमित जनशक्ति, वित्तीय बाधाओं और तकनीकी सहायता की कमी जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं और एमएसएससी की शुरूआत नगरपालिकाओं में शासन और सेवा वितरण में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि एमएसएसएससी पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तरह जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने, व्यापार लाइसेंस और शिकायत निवारण जैसी आवश्यक सेवाओं को सुव्यवस्थित करने में भी मदद करेगा। इसके अलावा ये केंद्र लेखा, पेरोल प्रबंधन और विक्रेता भुगतान के लिए केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्रों के रूप में कार्य करेंगे। वे कर संग्रह, अपशिष्ट प्रबंधन और रखरखाव कार्यों जैसी सेवाओं को भी घर-घर तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान करेंगे, जिससे छोटे शहरी स्थानीय निकायों में दक्षता में काफी सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहरी विकास पहलों के लिए धन सुरक्षित करने के लिए केंद्र के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। स्वीकृत अनुदान इन प्रयासों का प्रमाण है और इसका उपयोग राज्य के भीतर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के तीन क्लस्टर स्थापित करने और राज्य के लोगों के लिए अधिक कुशल और प्रौद्योगिकी-संचालित नगरपालिका प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंत्रालय ने पहले ही हिमाचल को धनराशि जारी करने का प्रस्ताव भेज दिया है।
हिमाचल के अलावा यह धनराशि असम, अरुणाचल और नागालैंड को भी जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि धनराशि दो किस्तों में वितरित की जाएगी। 50 प्रतिशत निधि स्वीकृति के समय तथा शेष राशि एमएसएससी मॉडल के संचालन पर वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए राज्य परियोजना की निगरानी और मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तीसरे पक्ष के संगठन की नियुक्ति करेगा। उन्होंने कहा कि एमएसएससी मॉडल लागत को कम करेगा, संसाधन उपयोग को अनुकूलित करेगा तथा सेवा वितरण को बढ़ाएगा, जिससे राज्य भर के शहरी निवासियों को लाभ होगा।