ट्रेंडिंगमुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Himachal Cyber ​​Crime : रिटायर्ड कर्नल को 16 दिन तक किया डिजिटल अरेस्ट, अपराधियों ने ठगे 49 लाख

सेवानिवृत्त कर्नल और उनकी पत्नी को ‘डिजिटल अरेस्ट' कर 49 लाख रुपये ठगे
प्रतीकात्मक चित्र।
Advertisement

हमीरपुर, 18 अप्रैल (भाषा)

Himachal Cyber ​​Crime : हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में साइबर अपराधियों ने भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल और उनकी पत्नी को कथित तौर पर ‘डिजिटल अरेस्ट' कर उनसे 49 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। शिकायतकर्ता को व्हॉट्सएप पर एक वीडियो कॉल आया जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को ‘मुंबई अपराध शाखा का अधिकारी' बताया।

Advertisement

जालसाज ने दावा किया कि सेवानिवृत्त अधिकारी के आधार कार्ड का इस्तेमाल चार सिम खरीदने और मुंबई में एक बैंक खाता खोलने के लिए किया गया था। उसने यह भी कहा कि बैंक खाते का इस्तेमाल दो करोड़ रुपये की ठगी करने के लिए किया गया था। जालसाज ने दंपति के बैंक खातों की जांच का डर दिखाया।

पिछले माह 23 तारीख को पहली बार उन्हें जालसाजों का कॉल आया। सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी की शिकायत के अनुसार वीडियो कॉल पर रहते हुए ही आरोपी ने अपने खाते में आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के माध्यम से रुपये अंतरित करा लिए। यह दावा करते हुए कि दंपति के धन के स्रोत की जांच की जा रही है आरोपियों ने रुपये मांगे और शिकायतकर्ता ने 29 मार्च को नौ लाख रुपये और चार अप्रैल को 40 लाख रुपये अंतरित कर दिए।

दंपति को सात अप्रैल तक ‘डिजिटल अरेस्ट' रखा। जब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई तो दंपति ने 10 अप्रैल को पुलिस से संपर्क किया। मंडी के साइबर अपराध पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है और कुछ संदिग्ध खातों में जमा 5.58 लाख रुपयों का लेन-देन रोक दिया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दंपति द्वारा अंतरित किए गए रुपयों को 22 खातों में डाल दिया।

पुलिस उप महानिरीक्षक (साइबर अपराध) मोहित चावला ने कहा कि कानून में ‘डिजिटल अरेस्ट' का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘धोखेबाजों के झांसे में न आएं और अपनी जमापूंजी न गंवाएं। अगर आपको ऐसा कोई कॉल या मैसेज मिले तो हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।'' ‘डिजिटल अरेस्ट' साइबर ठगी का नया तरीका है।

हालांकि, ‘डिजिटल अरेस्ट' जैसी किसी प्रक्रिया का हकीकत में कोई कानूनी वजूद नहीं होता। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।

Advertisement
Tags :
Cyber ​​CrimeCyber ​​criminalscyber fraudDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsdigital arrest fraudHamirpurHimachal Cyber ​​Crimehimachal newsHimachal PradeshHimachal Pradesh NewsHindi Newslatest newsRetired Colonelदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार