Himachal CM Event Protest सुक्खू ने बुलाया है, भूखे ही तड़पाया है’: मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में नारेबाजी पर मचा बवाल, कॉलेज छात्रों पर एफआईआर
Himachal CM Event Protest हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के डारलाघाट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के कार्यक्रम के दौरान छात्रों द्वारा की गई नारेबाजी अब कानूनी पेंच में फंस गई है। सोलन पुलिस ने इस मामले में कई स्थानीय...
Himachal CM Event Protest हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के डारलाघाट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के कार्यक्रम के दौरान छात्रों द्वारा की गई नारेबाजी अब कानूनी पेंच में फंस गई है। सोलन पुलिस ने इस मामले में कई स्थानीय लोगों और कॉलेज छात्रों, जिनमें कुछ छात्राएं भी शामिल हैं, के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू डारलाघाट में पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ करने पहुंचे थे। इसी दौरान कुछ युवाओं ने मंच के पास अचानक नारेबाजी शुरू कर दी df‘सुक्खू ने बुलाया है, भूखे ही तड़पाया है।’
जानकारी के मुताबिक, यह विरोध भोजन व्यवस्था को लेकर असंतोष के चलते हुआ। नारेबाजी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिससे मामला राजनीतिक रंग लेने लगा।
सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने पुष्टि की कि घटना के बाद डारलाघाट थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े कुछ छात्रों ने कार्यक्रम में पहुंचकर अव्यवस्था फैलाने की कोशिश की।
पुलिस जांच में सामने आया कि ये छात्र कार्यक्रम के आमंत्रित मेहमान नहीं थे, बल्कि जानबूझकर विरोध दर्ज कराने के इरादे से वहां पहुंचे थे।
कॉलेज प्रशासन की सफाई
हालांकि, सरकारी कॉलेज डारलाघाट के प्राचार्य और शिक्षकों का दावा है कि स्काउट्स एंड गाइड्स यूनिट की चार छात्राओं को पशुपालन विभाग की ओर से मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए औपचारिक निमंत्रण मिला था।
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्राएं कार्यक्रम में शिष्टाचारपूर्वक आमंत्रित प्रतिनिधि के रूप में पहुंची थीं, न कि किसी विरोध के मकसद से।
शिकायत और धाराएं
‘ ट्रिब्यून’ को मिली एफआईआर कॉपी के अनुसार, स्थानीय निवासी बसंत लाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 2 अक्तूबर की दोपहर करीब 2 बजे जब वह कार्यक्रम स्थल पर भोजन के लिए पहुंचे, तो उन्होंने कुछ छात्राओं को मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा। शिकायत में कहा गया कि यह घटना जानबूझकर की गई साजिश थी, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय वैमनस्य और नफरत फैलाना था।
इस आधार पर पुलिस ने मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353(2) और धारा 3(5) के तहत दर्ज किया है। ये धाराएं उन मामलों में लगाई जाती हैं, जिनमें समाज में नफरत या शत्रुता फैलाने की मंशा से झूठी या भड़काऊ बातें कही जाती हैं।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस का कहना है कि आरोपियों की ‘साझी आपराधिक मंशा’ (common intention) स्थापित हुई है और जांच जारी है। पुलिस ने अब तक कई छात्रों से पूछताछ की है और वीडियो फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। वहीं, अर्की के विधायक संजय अवस्थी से इस घटना पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।