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Himachal Avalanche : हिमाचल में हिमस्खलन का खतरा बरकरार, बर्फबारी से मार्च में भी कंपकंपी जारी

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में हिमस्खलन का खतरा बरकरार
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ज्ञान ठाकुर/शिमला, 04 मार्च(हप्र)

Himachal Avalanche : देश के मैदानी इलाकों में इन दिनों मौसम भले ही काफी सुहावना बना हुआ है और लोग गुनगुनी धूप का आनंद ले रहे हैं लेकिन हिमाचल में अभी भी लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में पिछले कई दिनों से रुक रुक कर हो रही बर्फबारी और वर्षा के चलते राज्य में कंपकंपी का दौर जारी है।

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हिमाचल में लोगों को मार्च में भी जनवरी जैसी ठंड का एहसास हो रहा है। राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है। लोगों को अभी भी पानी की पाइपें जम जाने का सामना करना पड़ रहा है, जिससे पेयजल संकट भी झेलना पड़ रहा है। लाहौल स्पीति का कुकमसेरी आज प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान माइनस 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

वहीं, राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में हो रही ताजा बर्फबारी के चलते हिमस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार और मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों को हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने और एहतियात बरताने की सलाह दी है। जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में बीते एक सप्ताह के दौरान तीन फुट से साढ़े छह फुट तक बर्फ गिर चुकी है। इस कारण जिले में सामान्य जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है और लोग अपने घरों के भीतर कैद होने को मजबूर हो गए हैं।

जिले की करीब 70 फीसदी आबादी एक सप्ताह से बिजली की सुविधा से महरूम है। जिले में हो बर्फवारी से तापमान में भारी गिरावट आई है। जिले के समस्त मुख्य सड़क मार्ग और सम्पर्क सड़कों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बन्द है। हालांकि प्रशासन द्वारा जन सुविधाओं को सुचारु रखने के लिए कोशिश कर रहा है लेकिन लगातार हो रही बर्फवारी कोशिशों को नाकाम कर रही है। एसडीएम केलांग रजनीश शर्मा ने स्थानीय लोगों व सैलानियों को जहां पर है वहीं पर सुरक्षित रहने की सलाह दी है।

प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान व्यापक रूप से वर्षा हुई और बर्फबारी का सिलसिला भी जारी रहा। आज राज्य के चंबा, लाहौल सपूती और किन्नौर और शिमला व मंडी जिला के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों तथा धौलाधार पहाड़ियों पर बर्फबारी का सिलसिला जारी रहा जबकि राजस्थानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य इलाकों में हल्की वर्षा हुई। इस दौरान कोठी में 33, केलांग में 20, कुकमसेरी में 16.2, जोत में 6, कल्पा में 4 और सांगला व शिलारू में 3-3 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई।

उधर, शिमला जिला के नारकंडा में हो रही ताजा बर्फबारी के कारण शिमला से वाया नारकंडा होकर किन्नौर जाने वाली सड़क यातायात के लिए अवरुद्ध है। शिमला के उपयुक्त अनुपम कश्यप के अनुसार किन्नौर की ओर जाने वाले यातायात को वाया बसंतपुर होकर भेजा जा रहा है और किन्नौर से शिमला की ओर आने वाले वाहनों को भी इसी सड़क से चलाया जा रहा है। हालांकि जिले में बाकी सभी सड़कें यातायात के लिए खुली हैं। वहीं, किन्नौर में लियो कैंची के पास अवरुद्ध मार्ग को सभी प्रकार के वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

इस बीच मौसम विभाग ने राज्य में मंगलवार को अधिकांश स्थानों पर वर्षा और बर्फबारी की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार प्रदेश में 5 से 8 मार्च तक मौसम के साफ बने रहने की संभावना है। 9 मार्च से राज्य में एक बार फिर वर्षा और बर्फबारी लौट सकती है क्योंकि हिमालय क्षेत्र में ताजा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा।

लाहौल स्पीति जिला के डीएसपी केलांग दिखाते राज कुमार कुछ दिन पहले छुट्टी पर घर गए हुए थे और छुट्टी समाप्त होते ही लाहौल जाने के लिए मनाली पहुंचे। परंतु भारी बर्फबारी के चलते सड़क बहाल न होने के कारण उन्होंने पैदल ही जाने का फैसला किया और लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलते हुए बीती रात सिस्सू पहुंचे। उनकी इस कर्तव्य निष्ठा में पुलिस कर्मियों संजय और मनोज ने भी साथ निभाया।

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