Himachal Assembly Session : उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने की सरकार से अपील, कहा - हिमाचल की तरक्की में बाधा बन रही धारा 118, किया जाए सरल
ज्ञान ठाकुर/शिमला, 13 मार्च
Himachal Assembly Session : उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि भू-अधिनियम की धारा 118 हिमाचल प्रदेश में निवेश के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि जब तक धारा 118 में संशोधन कर इसके प्रावधानों को सरल नहीं किया जाता, तब तक प्रदेश में औद्योगिक विकास को सही अर्थों में बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। वे वीरवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक सुखराम चौधरी और जीतराम कटवाल द्वारा पूछे गए संयुक्त सवाल के जवाब में बोल रहे थे।
उन्होंने विपक्ष से धारा 118 के सरलीकरण के मुद्दे पर सरकार का साथ देने की अपील की, ताकि प्रदेश में औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के लिए लंबी अवधि की नीति बनाई जा सके। उद्योग मंत्री ने कहा कि धारा 118 की शर्तों को सरल करने की जरूरत है, ताकि कोई भी उद्योग हिमाचल से पलायन न करे। उन्होंने कहा कि समय-समय पर उद्योग बंद होना एक सामान्य प्रक्रिया है और सरकार किसी भी बंद हुए उद्योग को नहीं चला सकती। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग चलाने के लिए सिर्फ प्रोत्साहन देती है।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि उद्योग बंद होने के कई कारण हैं और इनमें उद्योग द्वारा बनाए गए माल की बाजार में मांग न होना, सहयोगियों और साझेदारों के साथ विवाद भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी उद्योगपति उद्योग बंद होने पर इसकी सूचना सरकार को नहीं देता। उनका कहना था कि उद्योग बंद होने पर धारा 118 के कारण कोई भी उद्योगपति अपने प्लाट सीधे तौर पर नहीं बेच सकते। क्योंकि इस प्रावधान के कारण उन्हें ऐसी अनुमति नहीं होती और इसकी स्वीकृति लेने के लिए उन्हें अनेकों दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन उद्योगपतियों को अपने प्लाटों को सस्ते दामों पर दलालों को बेचना पड़ता है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि बीते दो सालों में सिंगल विंडो अथॉरिटी के माध्यम से 143 औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने की मंजूरी दी गई। इनके माध्यम से 8380 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है और इन उद्योगों में 17730 लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे पहले, मूल प्रश्न के उत्तर में उद्योग मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 64 औद्योगिक क्षेत्र हैं। इसके अतिरिक्त सरकार शीघ्र 13 औद्योगिक क्षेत्रों को स्थापित करने का विचार रखती है। इनके लिए भूमि चयनित की गई है व मामलों पर आगामी आवश्यक कार्यवाही चयनित भूमि विभाग के नाम स्थानांतरित होने पर ही की जा सकती है।
डोडरा-क्वार के लिए सुरंग पर होगा विचार
लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार भविष्य में शिमला जिले के दुर्गम क्षेत्र डोडरा-क्वार के लिए सुरंग बनाने पर विचार करेगी ताकि यह क्षेत्र वर्षभर सड़क माध्यम से प्रदेश से जुड़ा रहे। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत बड़ा भंगाल और डोडरा क्वार की निर्माणाधीन सड़कों का कार्य पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने समय अवधि को एक साल के लिए बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि डोडरा-क्वार दुर्गम इलाका है और उनकी सरकार इन दुर्गम क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर सड़कों से जोड़ने का काम कर रही है। वे विधायक मोहन लाल ब्राक्टा के सवाल का जवाब दे रहे थे।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि डोडरा-क्वार को सेओ-डोगरी, उत्तराखंड और डोडरा क्वार में पंडार गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड सीमा तक सड़क कनेक्टिविटी दी जाए। उन्होंने कहा कि मेहंदली-मदारली-घंसारीधार सड़क का कार्य जल्द शुरू होगा और अगले वर्ष तक पूरा होगा। उन्होंने कहा कि बाघी-खदराला सड़क के कार्य को भी नाबार्ड के माध्यम से पक्की हो रही है और इसके बचे हुए 8 किमी. के भाग को जल्द पूरा किया जाएगा।
विधायक निधि का सारा पैसा जारी
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक प्रकाश राणा के एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश सरकार ने विधायक निधि का सारा पैसा जारी कर दिया है। उन्होंने विधायकों को सलाह दी कि वे विधायक निधि से जारी किए जाने वाले पैसे की सिफारिशें जल्द करें, क्योंकि यह पैसा 31 मार्च से पहले जारी होना है। उन्होंने कहा कि विधायक कोषागार की ओर देखने के बजाय अपनी सिफारिशों पर ध्यान दें, ताकि उनकी विधायक निधि बिना खर्च के न रह जाए। इसी मुद्दे पर विधायक प्रकाश राणा ने कहा कि प्रदेश में बीते सात माह से विधायक निधि का पैसा जारी नहीं हुआ है।
विधायक केवल सिंह पठानिया के एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार टेम्पल व वाॅटर बाॅडीज टूरिज्म सर्किट को पर्यटन को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। सरकार ने इसके लिए प्रसाद योजना के तहत मां चिंतपूर्णी मंदिर का विकास करने के लिए 56.67 करोड़ रुपए की डीपीआर केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजी है। इसी तरह स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत कांगड़ा जिले में पौंग बांध को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए भी डीपीआर तैयार की गई है। यह डीपीआर भी केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को 31 दिसंबर 2024 को भेज दी गई है। प्रश्नकाल के दौरान विधायक सतपाल सिंह सत्ती, डीएस ठाकुर, इंद्र सिंह गांधी, राकेश कालिया, सुरेंद्र शौरी और मलेंद्र राजन ने भी अपने-अपने सवाल पूछे।