शिमला, 9 अगस्त (निस)
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार से शिमला में शुरू होगा। सत्र के दौरान कुल 4 बैठकें होंगी और सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। मौजूदा जयराम सरकार का ये अन्तिम विधानसभा सत्र होगा क्योंकि इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राज्य के दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस इस सत्र के माध्यम से प्रदेश का राजनीतिक माहौल गरमाने और इसे अपने पक्ष में करने का प्रयास करेंगे।
सत्र के दौरान विभिन्न राजनीतिक और कर्मचारी संगठनों के प्रस्तावित धरने-प्रदर्शनों के मद्देनजर विधानसभा परिसर और इसके आस-पास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। सदस्यों ने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, सड़कों की दयनीय स्थिति, स्वीकृत सड़कों की डी.पी.आर., प्रदेश में महाविद्यालयों, स्कूलों और स्वास्थ्य संस्थानों के उन्नयन और विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को भरने, पर्यटन, उद्यान, पेयजल आपूर्ति, युवाओं में बढ़ते नशे की रोकथाम, कानून व्यवस्था, ऊर्जा, परिवहन और पुरानी पैंशन योजना को बहाल करने को लेकर प्रमुखता से सवाल पूछे हैं।
रचनात्मक सहयोग की अपील
मानसून सत्र को लेकर स्पीकर विपिन सिंह परमार ने आज एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। परमार ने इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों से सत्र के संचालन में रचनात्मक सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन के समय का सदुपयोग जनहित से जुड़े मुद्दे को उठाने के लिए होना चाहिए। परमार ने कहा कि प्रदेश विधानसभा की अपनी उच्च परम्पराएं और गरिमा रही है इस लिए सभी सदस्यों को महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा में हिस्सा लेकर हल निकालने का प्रयास करना चाहिए। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य सचेतक बिक्रम सिंह जरयाल और माकपा विधायक राकेश सिंघा मौजूद रहे। इस बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के विधायक दलों की शिमला में बैठकें हुई जिसमें दोनों दलों ने अपनी-अपनी रणनीति बनाई।