नयी दिल्ली, 13 सितंबर (एजेंसी)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा किए गए एक ऑडिट में पराली प्रबंधन में पूसा बायो-डीकंपोजर का उपयोग अत्यधिक प्रभावी पाया गया है जो एक माइक्रोबियल घोल है। केजरीवाल ने साथ ही केंद्र से आग्रह किया कि वह पड़ोसी राज्यों से इसे किसानों को मुफ्त में वितरित करने के लिए कहे।
दिल्ली सरकार ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए घोल के साथ पिछले साल यहां प्रयोग किया था। साथ ही इसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए विकास विभाग द्वारा एक सर्वेक्षण भी करवाया गया था। उन्होंने कहा कि 39 गांवों के किसानों ने पराली को खाद में बदलने के लिए 1,935 एकड़ जमीन पर बायो-डीकंपोजर का इस्तेमाल किया था। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन कहा, ‘परिणाम उत्साहजनक थे। हमने सर्वेक्षण रिपोर्ट के साथ केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से संपर्क किया ताकि इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि नब्बे प्रतिशत किसानों ने दावा किया कि घोल 15-20 दिनों में पराली को खाद में बदल देता है। उन्होंने कहा कि साथ ही मिट्टी में कार्बन की मात्रा 40 फीसदी, नाइट्रोजन 24 फीसदी, बैक्टीरिया सात गुना और फंगस तीन गुना बढ़ गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं के अंकुरण में भी 17-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई।