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व्हाइट हाउस में हाई-प्रोफाइल मीटिंग, ट्रंप से मिले पाक PM शहबाज और फील्ड मार्शल मुनीर

जुलाई 2019 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने वाशिंगटन की यात्रा की थी

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर से मुलाकात की, जहां उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग व अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान अनुसार, 6 साल में व्हाइट हाउस का दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज ने ट्रंप को दुनिया भर में संघर्षों को समाप्त करने के उनके “ईमानदार प्रयासों” के लिए “शांति पुरुष” बताया। पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम कराने में उनके “साहसी व निर्णायक” नेतृत्व की सराहना की। जुलाई 2019 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने वाशिंगटन की यात्रा की थी।

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राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की थी, जिन्होंने पाकिस्तान पर अरबों डॉलर की सहायता प्राप्त करते हुए अमेरिका से झूठ बोलने और उसे धोखा देने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने पहले कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादियों को “पनाहगाह” प्रदान करता है। ट्रंप के उत्तराधिकारी, राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था।

व्हाइट हाउस में आमंत्रित करना तो दूर की बात, किसी भी (पाकिस्तानी) प्रधानमंत्री से फोन पर बात तक नहीं की थी। जनवरी में राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए कार्यभार संभालने के बाद से, पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों में एक नाटकीय और अप्रत्याशित बदलाव आया है। जून में, ट्रंप ने व्हाइट हाउस में सेना प्रमुख मुनीर के साथ आमने-सामने की बैठक की थी। हालांकि आम तौर पर किसी देश के सेना प्रमुख के साथ राष्ट्रपति की ऐसी मुलाकात कम देखने को मिलती है।

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, शहबाज ने “राष्ट्रपति ट्रंप के सुस्पष्ट, साहसी व निर्णायक नेतृत्व की सराहना की, जिसने पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष विराम को संभव बनाया, जिससे दक्षिण एशिया में एक बड़ी तबाही को टालने में मदद मिली। ट्रंप ने 10 मई को जब सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत-पाकिस्तान ‘‘पूर्ण और तत्काल'' संघर्ष विराम के लिए सहमत हो गए हैं। तब से उन्होंने लगभग 50 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ‘‘घटाने'' में मदद की है। भारत ने हालांकि, किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से लगातार इनकार किया है।

उसने लगातार कहा कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी। पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा करते हुए, शहबाज ने इस क्षेत्र, विशेष रूप से गाजा और पश्चिमी तट में शांति की बहाली के लिए विचारों के व्यापक आदान-प्रदान के वास्ते इस सप्ताह मुस्लिम जगत के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित करने की ट्रंप की पहल की सराहना की। उन्होंने इस वर्ष के शुरू में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हुए शुल्क समझौते के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद भी दिया।

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