मुंबई, 21 अक्तूबर (एजेंसी)
बाम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को रिपब्लिक टीवी से जानना चाहा कि जिस मामले की जांच चल रही है, उसके बारे में क्या दर्शकों से यह पूछा जाना कि किसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए, क्या यह खोजी पत्रकारिता है? मुख्य चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में चैनल के हैशटैग अभियान और इससे संबंधित विभिन्न खबरों के मुद्दे पर यह बात कही। अदालत ने ट्विटर पर चले चैनल के ‘हैशटैग-रिया को गिरफ्तार करो’ का उल्लेख किया। पीठ ने कहा, ‘शिकायत ‘हैशटैग-रिया को गिरफ्तार करो’ के बारे में है। यह आपके चैनल के समाचार का हिस्सा क्यों है।…जब किसी मामले की जांच चल रही है और मुद्दा यह है कि यह हत्या है या आत्महत्या है, तब एक चैनल कह रहा है कि यह हत्या है, क्या यह सब खोजी पत्रकारिता है। ‘
अदालत ने यह टिप्पणी कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की जिनमें आग्रह किया गया था कि प्रेस को राजपूत की मौत के मामले में इस तरह की रिपोर्टिंग से रोका जाए। पीठ ने सभी पक्षों से यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या टीवी चैनलों की प्रसारण सामग्री के नियमन के लिए किसी कानूनी तंत्र की आवश्यकता है। इसपर केंद्र सरकार ने कहा था कि वह प्रिंट और टीवी मीडिया के लिए स्व-नियमन तंत्र के पक्ष में है। वहीं, रिपब्लिक टीवी ने कहा कि राजपूत की मौत के मामले में रिपोर्टिंग और फिर जांच से मामले में कई महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा करने में मदद मिली।