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Heritage of Haryana : कभी 'हिंदुस्‍तान की दहलीज' के नाम से मशहूर था पृथ्वीराज का यह किला, आज भी समेटे है कई राज

Heritage of Haryana : कभी 'हिंदुस्‍तान की दहलीज' के नाम से मशहूर था पृथ्वीराज का यह किला, आज भी समेटे है कई राज
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चंडीगढ़, 22 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Heritage of Haryana : विरासत सिर्फ आगरा, दिल्ली, लखनऊ, जयपुर आदि शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि यह अन्य जगहों में भी मौजूद है। आज भी भारत में ऐसे कई किले, महल और अन्य अनमोल धरोहरें मौजूद है जो इतिहास का कहानी बयां करती हैं। हम आपको हरियाणा में स्थित पृथ्वीराज चौहान के सदियों पुराने विशाल किले और शहर के बीचों-बीच स्थित बुलंद दरवाजे के बारे में बताएंगे, जोकि ऐतिहासिक धरोहर के रूप में मशहूर है।

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हरियाणा के हांसी को कभी आसी और असीगढ़ भी कहा जाता था क्योंकि यहां बेहतरीन व मजबूत तलवारों का निर्माण किया जाता था। किले की बात करे तो पृथ्वीराज चौहान का यह किला करीब 30 एकड़ में फैला हुआ है। हालांकि इतिहास की धरोहर ‘हांसी’ किताब के अनुसार, 1858 के क्रांतिकारी दौर में हमले के दौरान इसकी दीवारों और भवनों को काफी नुकसान पहुंचा।

आज भी किले के मलबे से निकले शिलाखंडों के टुकड़ों सड़कों व गलियों में पड़े हुए हैं। हांसी के प्राचीन शहर के पांच द्वारों में से यह एकमात्र द्वार बड़सी गेट है जो प्राचीन संरचना के रूप में बचा हुआ है। इसे बड़सी गेट के नाम से भी जाना जाता है। उस समय इसे हिंदुस्तान की दहलीज भी कहा जाता था क्योंकि युद्ध के दौरान जो भी इसे पार कर लेता था हिंदुस्तान पर उसी का राज होता था।

शहर की सुंदरता में चार चांद लगा रहे इस दरवाजे

गेट की ऊंचाई 30 मीटर के करीब है और यह भारत सरकार के संरक्षण में है। हालांकि आज बाजार के बीचों-बीच स्थित इस दरवाजे के नीचे से लोग आराम से गुजरते हैं। शहर की सुंदरता में चार चांद लगा रहे इस दरवाजे को सिर्फ इतिहासकार ही नहीं बल्कि इतिहास में दिलचस्पी रखने वाले टूरिस्ट भी दूर -दूर से आते हैं।

फारसी शिलालेख के अनुसार, इस प्राचीन प्रवेश द्वार का निर्माण सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 ई. में करवाया था। यह एक नुकीला मेहराबदार द्वार है। इसके बाद, इब्राहिम लोधी के शासन के दौरान 1522 ई. में इसकी मरम्मत की गई।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा 2004 में की गई खुदाई के दौरान यहां से बुद्ध, कुषाण, गुप्त, राजपूत, मुगल और अंग्रेजी काल से जुड़े कई चीजें मिली। यहां से ईंट, सिक्के, धार्मिक स्थलों के अवशेष, पुराने बर्तन जैसी कई ऐतिहासिक निशानियां मिलीं। आज भी यह शहर सदियों पुराने इतिहास का गवाह है और अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए हैं।

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