मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Heavy Traffic Jam : 'लोग बिना काम से इतनी जल्दी निकलते क्यों हैं', भीषण जाम पर वकील की टिप्पणी से NHAI की फजीहत

टिप्पणी पर बवाल मचने के बाद एनएचएआई को सफाई देनी पड़ी
Advertisement

इंदौर, 2 जुलाई (भाषा)

भीषण यातायात जाम को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर बहस के दौरान एक महिला वकील की टिप्पणी का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। वीडियो में एनएचएआई की वकील पूछती सुनाई पड़ रही हैं कि ‘‘लोग बिना काम से इतनी जल्दी निकलते क्यों हैं?''

Advertisement

इस टिप्पणी पर बवाल मचने के बाद एनएचएआई को सफाई देनी पड़ी। एनएचएआई ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा कि वकील की यह टिप्पणी एनएचएआई के आधिकारिक बयान का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। अनधिकृत टिप्पणी के लिए वकील को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जनहित याचिका आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के इंदौर-देवास खंड पर पिछले हफ्ते बुधवार से शुक्रवार के बीच लगे करीब 50 घंटे के भीषण यातायात जाम को लेकर दायर की गई है।

कथित वीडियो में एनएचएआई की एक महिला वकील को इस याचिका पर हाईकोर्ट में 30 जून को हुई बहस के दौरान कहते सुना जा सकता है,‘‘…अभी उज्जैन में (यातायात) जाम हो गया था। लोग निकलते क्यों हैं इतनी जल्दी बिना काम से?'' इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कई लोग एनएचएआई के खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और भीषण यातायात जाम से जनता को होने वाली परेशानियों का जिक्र कर रहे हैं। एनएचएआई के परियोजना निदेशक प्रवीण यादव ने कहा कि महिला वकील की जिस टिप्पणी के कथित वीडियो को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है, वह इस वकील की 'निजी राय' है।

जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के 30 जून के आदेश में महिला वकील की कथित टिप्पणी का कोई जिक्र नहीं है। एनएचएआई जनता की सुविधा के लिए ही काम करता है। राष्ट्रीय राजमार्ग के इंदौर-देवास खंड पर फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। इससे आम लोगों को सुविधा होगी और उनका सफर सुरक्षित बनेगा। बेहद व्यस्त इंदौर-देवास रोड पर हाल ही में लगे भीषण यातायात जाम को लेकर देवास के वकील आनंद अधिकारी ने जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर 30 जून को सुनवाई करते हुए एनएचएआई के साथ ही केंद्र सरकार, इंदौर के प्रशासन और पुलिस को नोटिस जारी करके हफ्ते भर में जवाब मांगा था।

अदालत ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर इंदौर और देवास के बीच सड़क निर्माण कर रही एक निजी कम्पनी को प्रतिवादियों की सूची में शामिल करने का निर्देश भी दिया था। जनहित याचिका में गुहार की गई है कि इंदौर-देवास खंड पर जारी निर्माण कार्य उच्च न्यायालय की निगरानी में पूरा किया जाए ताकि प्रतिवादियों की जवाबदेही तय की जा सके।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगे भीषण जाम को लेकर लोगों ने खासा आक्रोश जताया था जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने मोर्चा संभालते हुए इंदौर और देवास के बीच यातायात के हालात सुधारे थे। इंदौर के बिजलपुर क्षेत्र के रहने वाले विजय पांचाल ने दावा किया था कि भीषण जाम में उनकी कार फंसने के दौरान उनके पिता कमल पांचाल (65) की दिल के दौरे से मौत हो गई थी।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune Latest NewsDainik Tribune newsHeavy traffic jamlatest newsMadhya Pradesh High CourtNational Highway Authority of Indiaदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी न्यूजहिंदी समाचार

Related News