चंडीगढ़ में धड़का दिल... देशभर के विशेषज्ञाों ने सुनीं धड़कन
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 जुलाई
पीजीआई चंडीगढ़ की एडवांस्ड कार्डियक कैथ लैब में कुछ असाधारण घट रहा था। मॉनिटर पर दिल की हर धड़कन दिख रही थी, पर यह सिर्फ मरीज के जीवन की लड़ाई नहीं थी, यह पूरे देश के हृदय रोग विशेषज्ञों के लिए एक सीख बन रही थी। इस लाइव सर्जरी को मुंबई में आयोजित ‘नेशनल इंटरवेंशनल काउंसिल (एनआईसी-2025)’ में देश-विदेश के विशेषज्ञ रियलटाइम देख रहे थे।
मरीज साधारण नहीं था। 15 साल पहले बायपास सर्जरी, 4 साल पहले स्टंट और अब फिर दर्द लौट आया था। इस बार कई ग्राफ्ट्स में ब्लॉकेज और एक पुराने स्टंट में रुकावट थी। मामला बेहद पेचीदा था, लेकिन पीजीआई की कार्डियोलॉजी टीम ने चुनौती स्वीकार की और उसे एक प्रदर्शन में बदल दिया, जिसे आज मेडिकल एजुकेशन का उदाहरण कहा जा रहा है।
प्रोफेसर डॉ. राजेश विजयवर्गीय की अगुवाई में डॉक्टरों ने आईवीयूएस (इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड) और ओसीटी (ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी) जैसी दुर्लभ तकनीकों का इस्तेमाल कर दो ब्लॉक हुए बायपास ग्राफ्ट्स को सफलतापूर्वक खोला। यह न केवल कठिन तकनीक थी, बल्कि हर कदम देशभर के विशेषज्ञों की नज़रों के सामने था। यह दबाव नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का प्रदर्शन था।
यह सत्र मास्टरक्लास था : डॉ. विजयवर्गीय
डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि लाइव केस सिर्फ तकनीक दिखाने का मंच नहीं है। यह जिम्मेदारी है इलाज की, शिक्षा की और बदलाव की। जब हम अपनी प्रक्रिया सबके सामने रखते हैं, तो हम हर डॉक्टर को बेहतर बनने का मौका देते हैं। मुंबई में मौजूद विशेषज्ञों ने न केवल सराहना की, बल्कि केस पर गहन चर्चा भी की। जटिल घावों की व्याख्या, उपकरणों की रणनीति और वैकल्पिक उपचार पथों तक। यह सत्र एक मास्टरक्लास था, जिसमें सीख भी थी और सराहना भी।