चंडीगढ़, 3 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों से रास्ता खुलवाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी। हरियाणा सरकार ने 43 किसान संगठनों को भी पक्षकार बनाने का आवेदन दिया है। आवेदन में किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल का नाम भी शामिल है। पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट रास्ता रोककर बैठे किसानों को फटकार लगा जा चुका है। कोर्ट ने मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका पर आदेश दिए थे कि जनहित में सोनीपत जिला में कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ के मार्ग पर आम लोगों को आने-जाने के लिए रास्ता दिलाया जाए। सोनीपत प्रशासन की किसानों के साथ वार्ता के बाद हरियाणा सरकार ने 15 सितंबर को गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में कमेटी बना दी थी। 19 को सोनीपत में संयुक्त किसान मोर्चा के 43 नेताओं के साथ बैठक भी तय की थी। कमेटी के सदस्य तो सोनीपत पहुंच गए थे, लेकिन कमेटी से मुलाकात से इनकार कर दिया था।
यह फंसा है पेच
किसानों को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर पक्की दीवारें बनाई गई हैं और स्थाई बैरीकेड लगाए गए हैं।
सरकार चाहती है कि किसान अंडरटेकिंग दें कि दीवार तोड़े जाने और एक तरफ से आवागमन शुरू किए जाने पर किसान वहां से उठकर दिल्ली की तरफ कूच नहीं करेंगे, पर किसान इसके लिए तैयार नहीं हैं।