Health Advice : स्टरलाइज जीवनशैली छोड़ें, इम्युनिटी बढ़ाएं... कोरोना से निपटने के लिए एक्सपर्ट ने दिए नेचुरल टिप्स
Health Advice : आज की ‘स्टरलाइज' व ‘अत्यधिक स्वच्छ' जीवनशैली को त्यागकर मिट्टी, नदियों, ताजी हवा जैसे प्राकृतिक तत्वों से पुनः जुड़कर लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है। उन्हें भविष्य में कोविड-19 जैसी महामारियों का सामना करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार किया जा सकता है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार सोनकर ने यह बात कही।
‘स्टरलाइज' जीवन शैली से आशय कृत्रिम और रसायन जनित स्वच्छता के आवरण में रहने से है। सोनकर ने मानव शरीर की तुलना एक मोबाइल फोन से करते हुए कहा कि प्रकृति के संपर्क में आने से मानव शरीर को बैक्टीरिया और उनके विकसित होते स्वरूपों के बारे में जानकारी मिलती है। ठीक उसी तरह जैसे एक मोबाइल फोन को ठीक से काम करने के लिए नियमित सॉफ्टवेयर अपडेट की जरूरत होती है। सोनकर ने इसके पहले अत्याधुनिक टिशू कल्चर के जरिए मोती बनाने की तकनीक विकसित करके दुनिया को चौंका दिया था।
पद्मश्री डॉ. सोनकर ने कहा कि कोविड-19 या भविष्य में उस जैसी कोई भी महामारी सिर्फ जीवाणुओं और विषाणुओं की वजह से नहीं आएगी, बल्कि हमारी ही जैविक भूल का परिणाम होगी। ऐसे किसी दु:स्वप्न से निपटने के लिए हमें फिर से प्रकृति से जुड़ना होगा। यह जानकारी दी है। देश-विदेश में माइक्रोबायोलॉजी और जल-जैविकी पर वर्षों तक गहन शोध करने वाले डॉ. सोनकर ने महामारी के पीछे छिपे उस रहस्य से पर्दा उठाया है, जिसे अब तक आधुनिक विज्ञान ने अनदेखा किया था।
आधुनिक मानव ने खुद की जीवन शैली को इतना ‘स्टरलाइज' कर लिया है कि अब उसकी शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) पर्यावरणीय रोगाणुजनकों को पहचान ही नहीं पाती। जब तक इंसान मिट्टी, नदियों और प्राकृतिक हवा के संपर्क में था, तब तक उसका ‘इम्यून सिस्टम' जीवाणुओं और उसके विकासमान स्वरूपों (माइक्रोबियल अपडेट) की जानकारियां लेता रहता था। आज की ‘हाइपर-क्लीन' (अतिस्वच्छता बरतने की) संस्कृति ने हमें इस प्राकृतिक सुरक्षा कवच से दूर कर दिया है।