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Health Advice : युवाओं में कोलोरेक्टल कैंसर का बढ़ता खतरा, बदलती जीवनशैली दे रही बीमारी को न्योता

Health Advice : युवाओं में कोलोरेक्टल कैंसर का बढ़ता खतरा, बदलती जीवनशैली दे रही बीमारी को न्योता
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विवेक शर्मा/चंडीगढ़, 23 फरवरी

Health Advice : "क्या 30 की उम्र में भी कैंसर हो सकता है?"-अगर आप भी ऐसा सोचते हैं, तो यह खबर आपके लिए चेतावनी से कम नहीं। पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ में आयोजित कोलोरेक्टल रोगों पर राष्ट्रीय सम्मेलन (CME) में विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि 20 से 40 वर्ष के युवा तेजी से इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।

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कैसे बदलती जीवनशैली युवाओं को बना रही शिकार?

विशेषज्ञों का कहना है कि जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, कम फाइबर युक्त आहार और घंटों बैठे रहने की आदत कोलोरेक्टल कैंसर के बढ़ते मामलों की प्रमुख वजह बन रहे हैं। पहले यह बीमारी 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब यह युवा पीढ़ी में भी तेजी से फैल रही है।

सावधान! ये लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं

अगर आपको पेट में बार-बार दर्द, अनियमित मलत्याग, मल में खून आना, वजन में अचानक कमी, या कमजोरी महसूस हो रही है, तो इसे हल्के में न लें। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर कोलोनोस्कोपी और अन्य जांचें कराकर शुरुआती चरण में ही इस बीमारी की पहचान की जा सकती है।

इलाज में क्रांति: नई तकनीकों से आसान हुआ इलाज

CME में मिनिमली इनवेसिव सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी और HIPEC थेरेपी जैसी नवीनतम तकनीकों पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि शुरुआती चरण में पता चलने पर सर्जरी और एडवांस थेरेपी से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।

पीजीआईएमईआर का बड़ा कदम, कैंसर से लड़ाई में अग्रणी भूमिका

इस सम्मेलन का उद्घाटन PGIMER के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने किया। डॉ. प्रदीप शर्मा (अध्यक्ष, ACRSI), प्रो. लिलेश्वर कामन (ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन), और डॉ. यशवंत राज सकाराय (ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी) समेत देशभर से आए विशेषज्ञों ने कोलोरेक्टल सर्जरी और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों पर अपने विचार रखे।

स्वस्थ रहें, सतर्क रहें!

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