ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 2 मई
नौकरियों की एवज में रिश्वत लेने के आरोप लगने के बाद विवादों में घिरे हरियाणा लोकसेवा आयोग ने डेंटल सर्जन और एचसीएस का प्री-एग्जाम रद्द कर दिया है। पिछले साल सितंबर में हरियाणा सिविल सर्विसेज (एचसीएस) की कार्यकारी शाखा और संबद्ध सेवाओं के 156 पदों के लिए प्री-एग्जाम हुआ था। इसी तरह से स्वास्थ्य विभाग के लिए 81 डेंटल सर्जनों की भर्ती को लेकर परीक्षा का आयोजन हुआ था। आयोग ने सोमवार को इन्हें रद्द करके नये सिरे से परीक्षा लेने का निर्णय किया। डेंटल सर्जन की लिखित परीक्षा 19 जून और एचसीएस की प्रारंभिक परीक्षा 10 जुलाई को होगी। केवल वही उम्मीदवार इन परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे, जिन्होंने भर्ती निकलने के दौरान आवेदन किया था।
12 सितंबर, 2021 को 13 जिलों में 538 परीक्षा केंद्रों पर एचसीएस प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी। इसके लिए 1.42 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया था। इनमें से करीब 74 हजार ने परीक्षा दी थी। डेंटल सर्जन के 81 पदों के लिए पिछले साल 26 सितंबर को परीक्षा हुई थी। दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट भी घोषित कर दिया गया था, लेकिन बाद में एचपीएससी के तत्कालीन उपसचिव अनिल नागर के साथ ही भिवानी के नवीन और झज्जर के अश्विनी शर्मा को नौकरियों के लिए मोटी रकम लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
विजिलेंस पूछताछ में तीनों ने माना कि डेंटल सर्जन की भर्ती के लिए कई उम्मीदवारों से सेटिंग की गई। एचसीएस प्री-एग्जाम पास करवाने के लिए भी सौदा हुआ था। विजिलेंस ब्यूरो ने 3 करोड़ 5 लाख रुपये बरामद किए थे। नागर जिस भर्ती के जरिये एचसीएस बने थे, वह भी विवादों में है।