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HC ने फिरोजाबाद स्कूल ग्राउंड में रामलीला पर रोक लगाई, SC ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को पलटा

Ramlila: यह रामलीला पिछले 100 वर्षों से चली आ रही है, 14 सितंबर से हुआ उत्सव शुरू

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Ramlila: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में स्कूल के मैदान में रामलीला उत्सव के आयोजन पर रोक संबंधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस शर्त पर उत्सव जारी रखने की अनुमति दी कि इससे छात्रों को कोई असुविधा न हो।

पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश के उस पैराग्राफ पर रोक लगाते हुए कहा, ‘‘वैसे तो हम स्कूल के मैदान में धार्मिक उत्सव के आयोजन की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन यह रामलीला पिछले 100 वर्षों से चली आ रही है और इस वर्ष उत्सव 14 सितंबर से शुरू हुआ है।''

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पीठ ने श्री नगर रामलीला महोत्सव द्वारा दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया और हाई कोर्ट से जिला प्रशासन को भविष्य में किसी अन्य स्थल के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश देने को कहा।

पीठ ने हाई कोर्ट से कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर अन्य हितधारकों के साथ श्री नगर रामलीला महोत्सव की याचिका पर सुनवाई करे और किसी अन्य स्थल के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करे। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता प्रदीप सिंह राणा को भी फटकार लगाई कि उन्होंने अपनी शिकायत पहले नहीं की और 14 सितंबर को उत्सव शुरू होने के बाद मामला दायर किया।

पीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता से कहा, ‘‘यह रामलीला 100 साल से आयोजित हो रही है और आप भी इस तथ्य को स्वीकार करते हैं। फिर आपको पहले ही अदालत का दरवाजा खटखटाने और उत्सव रोकने से किसने मना किया? न तो आप छात्र हैं और न ही छात्रों के अभिभावक, फिर उत्सव रोकने में आपकी क्या रुचि है?''

जनहित याचिका दायर करने वाले ने दलील दी कि कंक्रीट की दीवार बनने के बाद ही उन्होंने उत्सव पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था।

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