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Haryana: शिक्षकों को जल्द मिलेगी बड़ी राहत, नवरात्रों में नई ट्रांसफर पॉलिसी पर लग सकती है मुहर

Haryana Transfer Policy: मुख्य सचिव कार्यालय का मानव संसाधन विभाग नीति का अंतिम प्रारूप तैयार कर रहा है
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Haryana Transfer Policy: लंबे समय से तबादला ड्राइव की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। नवरात्रों में नई संशोधित ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से ट्रांसफर ड्राइव को हरी झंडी दी जा चुकी है। अब मुख्य सचिव कार्यालय का मानव संसाधन विभाग नीति का अंतिम प्रारूप तैयार कर रहा है। शिक्षा विभाग ने भी विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन तबादला ड्राइव का मसौदा तैयार कर लिया है।

इस बीच, शुक्रवार को हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) का प्रतिनिधिमंडल, राज्य प्रधान सतपाल सिंधु के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के उपप्रधान सचिव यशपाल यादव से मिला और मांग पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षकों के ट्रांसफर ड्राइव को जल्द शुरू करने की मांग पर जोर दिया। यशपाल यादव ने भरोसा दिलाया कि संशोधित ट्रांसफर पॉलिसी का प्रारूप तैयार हो चुका है और जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।

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पुरानी पेंशन योजना और पदोन्नति की मांग

हसला ने शिक्षकों की कई अन्य समस्याएं भी प्रमुखता से उठाईं। मुलाकात के दौरान पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाली की मांग रखी गई। प्रिंसिपल के लगभग 250 रिक्त पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की बात कही। पीजीटी (ग्रुप-बी) शिक्षकों को एचसीएस और आईएएस भर्ती में मौका देने की मांग की गई। पीजीटी पदनाम को लेक्चरर करने और मेडिकल रिइम्बर्समेंट से जुड़ी फाइलों को अंतिम रूप देने की भी मांग उठाई गई।

शुक्रवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के उपप्रधान सचिव यशपाल से मुलाकात करता शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल। स्वतः

कैशलेस इलाज और एचआरए में संशोधन

एसोसिएशन ने पैनल्ड अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की। साथ ही, प्रोबेशन पूरा कर चुके प्राध्यापकों को कन्फर्म करने, सीसीएल (चाइल्ड केयर लीव) ऑनलाइन पोर्टल का लिंक जारी करने और एचआरए की संशोधित दरें लागू करने का मुद्दा भी उठाया। हसला ने कहा कि एसीपी, मेडिकल रिइम्बर्समेंट, सीसीएल, अवकाश व अध्ययन अनुमति जैसी लंबित फाइलों में नागरिक चार्टर का पालन होना चाहिए।

गैर-शैक्षणिक कार्य से मुक्ति की मांग

बैठक में हसला ने शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य न लेने की मांग को सबसे जोरदार तरीके से उठाया। संगठन ने तर्क दिया कि ऐसे कार्यों में शिक्षकों की ऊर्जा और समय नष्ट होता है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है। शिक्षा विभाग पहले ही शिक्षक संगठनों से बैठक कर चुका है और रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। एमआईएस पोर्टल पर मौजूद त्रुटियों को भी ठीक किया गया है। बावजूद इसके, अब तक ट्रांसफर ड्राइव शुरू नहीं हो पाया, जबकि शैक्षणिक सत्र 2025-26 आधा बीत चुका है।

ये मांगें भी उठाई

यह तैयार हुआ है मसौदा

 

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