Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Haryana Review Meeting : स्वास्थ्य मंत्री ने समीक्षा बैठक में दिखाए कड़े तेवर, दवाइयों की कमी हुई तो CMO की होगी जवाबदेही

अस्पतालों के भवन निर्माण व मरम्मत के लिए नियुक्त होगा नोडल अधिकारी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 30 जून।

Advertisement

Haryana Review Meeting : हरियाणा के अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में अगर दवाइयों की कमी रहती है तो इसके लिए संबंधित सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) जवाबदेह होंगे। दवाइयों की कमी में लापरवाही किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने अधिकारियों को ऐसे आदेश दिए हैं।

वे सोमवार को चंडीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में बोल रही थीं। बैठक में हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएमएससीएल) के कार्यों की समीक्षा की गई। डॉक्टरों की उपस्थिति, पोस्टिंग, सेवानिवृत्ति आदि से जुड़ी शिकायतों पर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, आयुष विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के मिशन निदेशक रिपुदमन सिंह ढिल्लों, हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभागों की कार्यप्रणाली और चल रहे स्वास्थ्य परियोजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों से स्वास्थ्य परियोजनाओं के निर्माण कार्य की गति तेज करने का निर्देश दिया। इस बात पर जोर दिया कि अस्पतालों की निर्माणाधीन इमारतों के विकास की निगरानी और समन्वय के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए।

उन्होंने संबंधित विभागों को फार्मेसी नीति को बिना किसी देरी के अंतिम रूप देने और फार्मासिस्ट तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया को प्रारंभ करने के निर्देश दिए ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं में उचित स्टाफ मिल पाएं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क कर दिया गया है। भले ही, मरीज की आय कोई भी हो।

उन्होंने राज्यभर में डायलिसिस सेवाओं के बारे में कहा कि यह सेवा समान रूप से पारदर्शी तरीके से बिना किसी रुकावट के रोगी को मिले, ऐसा सुनिश्चित हो। प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए, स्वास्थ्य मंत्री ने परियोजना समय सीमाओं के कड़े पालन, समय पर फाइलों के निपटान और इस दिशा में होने वाली किसी भी तरह की देरी को समाप्त करने की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने पीजीआईएमएस रोहतक द्वारा आयोजित बीएससी नर्सिंग और अन्य प्रवेश परीक्षाओं के पारदर्शी और निष्पक्ष संचालन की आवश्यकता पर भी बल दिया। साथ ही, अधिकारियों को किसी भी प्रकार की गलत प्रक्रिया की संभावना को खत्म करने के लिए निर्देशित किया। आयुष मंत्री ने अधिकारियों से आयुष योजनाओं के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने और राज्यभर में सरकारी कर्मचारियों को आयुष रिइंबर्समेंट नीति के बारे में सूचित करने के लिए एक अभियान शुरू करने का निर्देश दिया।

Advertisement
×