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Haryana Politics : कुरुक्षेत्र में अशोक अरोड़ा के साथ हुआ दुर्व्यवहार का मामला गरमाया, थानेसर विधायक बोले- नहीं हुई सख्त कार्रवाई तो दे दूंगा इस्तीफा

कांग्रेस के 12 विधायक स्पीकर से मिले, विशेषाधिकार हनन का मामला बना
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 3 जून।

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Haryana Politics : पूर्व स्पीकर और थानेसर से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा के साथ नगर परिषद की बैठक में हुए दुर्व्यवहार का मामला विधानसभा तक पहुंच गया है। अकेले अरोड़ा ही नहीं, कांग्रेस के दो अन्य विधायकों- चंद्र प्रकाश (आदमपुर) और रामकरण काला (शाहबाद) के साथ भी इसी तरह की हरकत हुई थी। तीनों ही मामलों में स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने मंगलवार को कांग्रेस के 12 विधायकों ने मुलाकात की। कांग्रेस विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने इसे विशेषाधिकार हनन का मामला बताया।

स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने जांच करवाने के बाद सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। वहीं दूसरी ओर, अशोक अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर सरकार की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वे विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। जब जनप्रतिनिधियों का सम्मान ही नहीं है, तो फिर पद पर बने रहने का भी क्या फायदा।

कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा स्पीकर से कहा कि वे सभी विधायकों के कस्टोडियन हैं, इसलिए विधायकों के हितों पर आंच आने की स्थिति में उन्हें कड़ा स्टैंड लेना चाहिए। अशोक अरोड़ा ने स्पीकर को लिखित में भी अपने साथ हुई अभद्रता की शिकायत की। इसमें कहा गया है कि नगर परिषद की बैठक में शहरी निकाय विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे लोग शामिल हुए, जो नियमों के अनुसार बैठक में भागीदारी करने के पात्र नहीं हैं।

इनमें एक पूर्व पार्षद व पार्षद का पति शामिल है, जिसने उनके साथ हाथापाई की। अशोक ने कहा कि जांच के दौरान यदि उनकी कोई गलती पाई जाए तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए। आदमपुर विधायक चंद्र प्रकाश और शाहबाद के विधायक रामकरण काला के साथ जिला विकास निगरानी समितियों की बैठक में हुई अभद्रता की भी शिकायत भी स्पीकर को लिखित में की गई।

अरोड़ा ने स्पीकर से कहा कि कुरुक्षेत्र के डीसी व एसपी को भी दोषी अधिकारियों व पूर्व पार्षद के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए जाने चाहिएं। अन्यथा चेयर से विपक्षी विधायकों का भरोसा उठ जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब नगर परिषद की बैठक में बाहरी व्यक्तियों के आने पर रोक थी, तो बाहरी व्यक्ति अंदर कैसे आए। अरोड़ा ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि लोगों के हितों की लड़ाई लड़ता है। अगर जनप्रतिनिधियों का ही अपमान होता है, तो वह जन अधिकारों की रक्षा कैसे कर सकेंगे।

कुछ लोग घटना का वीडियो देखकर उनके ऊपर भी गलत आरोप लगा रहे हैं। उनकी दलील है कि मैंने भी गालियां निकाली, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। अगर मेरी गलती मिलती है, तो मेरे खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। नूंह के कांग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद ने कहा कि विधायकों के साथ दुर्व्यवहार उनके संवैधानिक अधिकारों को दबाने का काम है। जिन लोगों ने विधायक अशोक अरोड़ा के काम में दिक्कतें पैदा करने की कोशिश की, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

आफताब अहमद ने कहा कि हमने दोषी लोगों और कर्मचारियों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन की शिकायत दी है। स्पीकर ने शिकायत का अध्ययन करवाकर नियमानुसार कार्रवाई के का आश्वासन दिया है। स्पीकर से मिलने वाले विधायकों में चंद्र प्रकाश, रामकरण काला, गीता भुक्कल, शकुंतला खटक, जरनैल सिंह, रघुवीर तेवतिया, जस्सी पेटवाड, विकास सहारण, बलराम दांगी और राजबीर फरटिया शामिल रहे।

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