Haryana Politics : हुड्डा की ‘लंच डिप्लोमेसी’ से निकला एकजुटता का स्वाद, हरियाणा कांग्रेस में बूथ मिशन की तैयारी तेज
Haryana Politics : हरियाणा कांग्रेस ने सोमवार को अपने संगठनात्मक और राजनीतिक समीकरणों में नई ऊर्जा भरने की कोशिश की। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली पहली मासिक संगठनात्मक बैठक में जिलाध्यक्षों की कार्यप्रणाली की समीक्षा के साथ-साथ आने वाले महीनों के लिए पार्टी के रणनीतिक रोडमैप पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस अहम बैठक में हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दोनों सह-प्रभारी प्रफुल्ल गुढथे और जितेंद्र बघेल मौजूद रहे। बैठक में जिलाध्यक्षों से लेकर प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों तक ने संगठन की मजबूती, जिला कार्यकारिणी के गठन और बूथ स्तर तक पहुंच बढ़ाने के मुद्दों पर खुलकर चर्चा की।
राव नरेंद्र सिंह ने हाल ही में जारी अपने पत्र में स्पष्ट किया था कि अब जिलाध्यक्षों के कामकाज की हर माह समीक्षात्मक बैठक होगी। इसी क्रम में सोमवार की बैठक को इस नए अनुशासन चक्र की शुरुआत माना गया। जिलाध्यक्ष फाइलों के ढेर के साथ पहुंचे। इनमें दर्ज था उनका पूरा संगठनात्मक रिकॉर्ड, गतिविधियां और कार्ययोजनाएं। अब हर माह इसी आधार पर कामकाज का मूल्यांकन होगा।
प्रदेशाध्यक्ष ने साफ कहा कि संगठन अब केवल बैठकों का नहीं, परिणामों का मंच होगा। हर जिले को ठोस कामकाज दिखाना होगा। बैठक में ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ हस्ताक्षर अभियान की समीक्षा भी की गई। सभी जिलाध्यक्षों ने अपने-अपने लक्ष्य पूरे करने की रिपोर्ट सौंपी। ग्रामीण जिलाध्यक्षों को 10 हजार, शहरी जिलाध्यक्षों को 5 हजार, पूर्व विधायकों व उम्मीदवारों को 7 हजार, जबकि पीसीसी डेलीगेट्स को 2 हजार हस्ताक्षरों का लक्ष्य दिया गया था। यह अभियान 18 सितंबर से शुरू होकर 30 अक्तूबर तक चला। बीके हरिप्रसाद ने कहा कि रिपोर्ट्स उत्साहजनक हैं, लेकिन अब हमें इससे आगे बढ़कर बूथ स्तर पर संगठन को पुनर्जीवित करना होगा।
दिसंबर में दस दिन की ट्रेनिंग
बैठक में यह भी तय हुआ कि दिसंबर के पहले पखवाड़े में दस दिन का ट्रेनिंग कैंप लगाया जाएगा। इस प्रशिक्षण सत्र में स्वयं राहुल गांधी दो दिन रुकेंगे, जबकि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी एक दिन का प्रवास करेंगे। कुरुक्षेत्र या करनाल में इस वर्कशॉप को लेकर चर्चा चल रही है। इस कैंप में न केवल हरियाणा, बल्कि उत्तराखंड के जिलाध्यक्ष भी भाग लेंगे, ताकि पार्टी के संगठनात्मक मॉडल का अनुभव साझा किया जा सके। राव नरेंद्र ने कहा कि यह ट्रेनिंग सिर्फ भाषण नहीं, मैदान में लड़ने की तैयारी है। कांग्रेस अब अनुशासन, विचार और कार्रवाई - तीनों पर एक साथ काम करेगी।
हुड्डा ने खींची पार्टी लाइन, राज्यपाल से मिलेंगे
संगठनात्मक बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी हुई। इसमें प्रदेश प्रभारी, प्रदेशाध्यक्ष और दोनों सह-प्रभारी शामिल रहे। बैठक में राज्य के ज्वलंत मुद्दों - बीपीएल सूची से नाम काटे जाने, व्यापारियों से फिरौती, कानून व्यवस्था की गिरावट, खेतों में जलभराव, और एमएसपी की समस्या पर गहन चर्चा की गई। विधायक दल ने इन मुद्दों को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करने का निर्णय लिया, ताकि जनता की आवाज सीधे शासन तक पहुंचाई जा सके। हुड्डा ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस अनुशासन की पार्टी है। कोई भी विधायक या नेता पार्टी लाइन से बाहर नहीं जाएगा। विरोधी बयानबाजी पर तुरंत कार्रवाई होगी।
हुड्डा की लंच डिप्लोमेसी
दिनभर चली इन बैठकों के बीच सबसे रोचक दृश्य देखने को मिला दोपहर के समय, जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सेक्टर-7 स्थित सरकारी कोठी में भोज का आयोजन हुआ। इस लंच में प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद, प्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह, अधिकांश विधायक, जिलाध्यक्ष, पूर्व सांसद, उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता शामिल हुए। हुड्डा की मेजबानी में परोसे गए स्वादिष्ट व्यंजन और मिठाइयों ने माहौल को हल्का-फुल्का और आत्मीय बना दिया। राजनीतिक गलियारों में इसे ‘लंच डिप्लोमेसी’ कहा जा रहा है, जिसमें हुड्डा ने एक थाली में एकजुटता का संदेश परोसने की कोशिश की। एक वरिष्ठ नेता ने मुस्कुराते हुए कहा कि आज की मिठास शायद आने वाले चुनावी मौसम की गर्मी को थोड़ा कम कर दे।
