Haryana: अब फैंसी नंबर लेने से पहले सोचना पड़ेगा- बोली सिर्फ लगानी नहीं, निभानी भी होगी
1.17 करोड़ की बोली और फिर पीछे हटना पड़ा भारी!, अब होगी संपत्ति व आय की जांच, आयकर विभाग को भी जाएगा पत्र
Fancy Number Auction: हरियाणा में वीवीआईपी और फैंसी नंबरों की डिमांड जिस तेजी से बढ़ रही है, उसी रफ्तार से अब बोलियों में प्रतिस्पर्धा भी रिकॉर्ड बना रही है। लेकिन इसी रिकॉर्ड ने एक व्यक्ति के लिए अब नई मुसीबत खड़ी कर दी है। हाल ही में चरखी दादरी के बाढ़ड़ा उपमंडल में ‘एचआर 88 B 8888’ नंबर की ऑनलाइन नीलामी के दौरान 1 करोड़ 17 लाख रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाने वाले व्यक्ति ने भुगतान की समय सीमा आने पर पैसे जमा नहीं करवाए।
नतीजतन, अब न सिर्फ उसकी 11 हजार रुपये की सुरक्षा राशि जब्त हो गई है, बल्कि उस पर आय और संपत्ति की जांच का खतरा भी मंडरा रहा है। हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बोली लगाने वाले व्यक्ति की आर्थिक क्षमता और आय स्रोत की पूरी जांच की जाए। विज ने कहा कि नीलामी में बोली लगाना शौक नहीं, जिम्मेदारी है। अगर कोई करोड़ों की बोली लगाता है और बाद में भुगतान नहीं करता, तो यह गड़बड़ी का संकेत है। ऐसे मामलों में जांच अनिवार्य होगी।
उन्होंने साफ चेतावनी दी कि इस मामले को सिर्फ सुरक्षा राशि जब्त होने तक सीमित नहीं रखा जाएगा। अब सरकार इस बात की जांच करवाएगी कि क्या व्यक्ति के पास वास्तव में इतनी आर्थिक क्षमता थी या सिर्फ शौक और दिखावे के लिए बोली लगाई गई थी। परिवहन विभाग इस संबंध में आयकर विभाग को भी पत्र लिख रहा है, ताकि संबंधित व्यक्ति की वित्तीय स्थिति, आय स्रोत और पिछले टैक्स रिकॉर्ड की जांच की जा सके।
विज ने कहा कि सरकार चाहती है कि भविष्य में कोई भी व्यक्ति बिना आर्थिक योग्यता या गलत उद्देश्य से ऊंची बोली न लगाए। गौरतलब है कि फैंसी और वीवीआईपी वाहन नंबरों की नीलामी राज्य सरकार के राजस्व का बड़ा स्रोत बन चुकी है। कई लोग प्रतिष्ठा, स्टेटस और लक्ज़री छवि के लिए ये नंबर लेने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। लेकिन अब इस मामले के बाद सिस्टम में कड़ा अनुशासन लाने की तैयारी है।

