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Haryana News : बिजली बिलों में बढ़ोतरी पर विज की सफाई, कहा- लोगों को गुमराह कर रहा है विपक्ष, कृषि उपभोक्ताओं के टैरिफ में कोई बदलाव नहीं

2 किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के बिल में 49 से 75 प्रतिशत तक आई कमी आई
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 25 जून।

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हरियाणा में बिजली की दरों में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे के बीच उर्जा मंत्री अनिल विज ने स्थिति स्पष्ट की है। विज ने दो-टूक कहा कि विपक्ष लोगों को गुमराह कर रहा है। बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। उलटा कई श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिली है। 2014-15 के मुकाबले अब बिजली बिलों में 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है।

विपक्ष के ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं कि बिजली बिल 4 गुणा तक बढ़ गए हैं। राज्य के कृषि उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया है। इसी तरह से 2 किलोवाट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में साल 2014- 2015 की तुलना में 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। श्रेणी-2 के अधिकांश उपभोक्ताओं के बिलों में कमी दर्ज की है। श्रेणी-1 और श्रेणी-2 में लगभग 94 प्रतिशत बिजली के उपभोक्ता आते हैं। इनके अधिकांश मासिक बिलों में कमी आई है।

विज ने कहा कि संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार, सरकार ने सभी श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की डिस्कॉम्स (बिजली कंपनियां) लोगों को निरंतर, निर्बाध, सस्ती और उपभोक्ता केंद्रित बिजली सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हरियाणा में अपने पड़ोसियों राज्यों की तुलना में एलटी और एचटी दोनों उपभोक्ताओं की श्रेणियों में काफी कम बिजली टैरिफ चार्ज करता है।

पिछले एक दशक में वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक एटी एंड सी (समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक) लॉसेस 29 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत के स्तर पर लाया गया है। विज ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह केवल 10 पैसे प्रति यूनिट (मीटर्ड) और 15 रुपये प्रति बीएचपी मासिक (फ्लैट रेट) का भुगतान करने के तहत बिजली मुहैया करवाई जा रही है। मीटर वाले कनेक्शन के लिए एमएमसी को घटाकर 180 रुपये (15 बीएचपी तक) और 144 रुपये (15 बीएचपी से ऊपर) किया है।

इस तरह से कम हुए दाम

विज ने बताया कि संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार, श्रेणी-। के घरेलू उपभोक्ताओं (2 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड और 100 यूनिट तक की मासिक खपत वाले) के मासिक बिलों में वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में 49 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। पिछली टैरिफ संरचना (एमएमसी के साथ) की दरों से तुलना करने पर बिल की राशि में काफी कमी आई है।

इन वर्गों को भी राहत

श्रेणी-।। के उपभोक्ताओं (5 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड वाले) के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में बिलों में 3 से 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में इस श्रेणी के अधिकांश उपभोक्ताओं के बिलों में कमी दर्ज की है इसमें केवल कुछ स्लैब में 1 प्रतिशत से कम की वृद्धि देखी गई है। कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 94 प्रतिशत श्रेणी-। और श्रेणी-।। में आते हैं। श्रेणी-3 के उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में वृद्धि 5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत तक है। इस कैटेगरी के प्रदेश में केवल 6 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता हैं।

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