Haryana News : राबी-ब्यास-सतलुज के पानी का विकल्प बनेगी सरस्वती नदी, हरियाणा सरकार का एक्शन प्लान तैयार
चंडीगढ़, 29 अप्रैल
Haryana News : राजस्थान की मरुभूमि (रेगिस्तान) में सरस्वती नदी सिंचाई का माध्यम बनेगी। राबी-ब्यास-सतलुज के पानी से राजस्थान की सूखी धरा को तरबतर होगी। राजस्थान सरकार और हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड मिलकर सिंचाई का एक्शन प्लान तैयार करेगी। दोनों सरकारों की हरी झंडी मिलते ही सरस्वती की खुदाई पर काम शुरू हो जाएगा।
आदीब्रदी से निकलकर हरियाणा, पंजाब व राजस्थान से होते हुए गुजरात के कच्छ में समाहित होने वाली सरस्वती नदी की खोई हुई पहचान वापस लौट रही है। हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमिच सरस्वती को पुनर्जीवित करने की कवायद में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर में राजस्थान सरकार और हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के बीच बैठक हुई।
बैठक में राजस्थान के सिंचाई मंत्री सुरेश रावत और हरियाणा सरस्वती बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच मौजूद रहे। दोनों प्रदेशों की सरकारों ने सरस्वती को पुनर्जीवित करने पर प्रतिबद्धता जताई। राजस्थान की मरुस्थल भूमि में सिंचाई के माध्यम बढ़ाने के लिए दोनों प्रदेश मिलकर एक्शन प्लान तैयार करेंगे, जिसे दोनों सूबों के मुख्यमंत्रियों की हरी झंडी मिलते ही लागू किया जाएगा।
सरस्वती नदी में 400 किलोमीटर तक चलाया गया है पानी
हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच ने बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर में आयोजित हुई बैठक में राजस्थान के सिंचाई मंत्री सुरेश रावत को अवगत कराया कि बोर्ड द्वारा 400 किलोमीटर तक पानी प्रवाहित किया गया है। सरस्वती के पुनर्द्धार के लिए हरियाणा की नायब सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान जयपुर के सुदूर संवेदन विभाग प्रमुख डॉ. महावीर पूनिया, इसरो के सेवानिवृत्त डायरेक्टर डॉ. जेआर शर्मा, डॉ. बीके भद्रा, बिरला विज्ञान अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. महावीर पूनिया, डॉ. सुलतान सिंह, प्रोफेसर एचएस शर्मा, सीजीडब्ल्यूबी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एससी धीमान मौजूद रहे।
हरियाणा और राजस्थान की सीएम की मंजूरी मिलते ही होगा काम शुरू
हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच का कहना है कि राजस्थान और हरियाणा सरकार तैयार किया गया एक्शन प्लान अपने-अपने मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया जाएगा। राजस्थान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी किसानों के हितैषी हैं, इसलिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए खुदाई के कार्य को हरी झंडी देंगे। फिलहाल राजस्थान में पुष्कर झील और गुजरात के सिद्धपुर बड़ा क्षेत्र सरस्वती के फैबिया चैनल में आता है। राजस्थान में सिंचाई का बड़ा माध्यम सरस्वती बने इस पर दोनों राज्यों की सरकार पूरी तरह गंभीर हैं।
सरस्वती सरोवर बनाने का प्रोजैक्ट
हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड के चेयरमैन धुम्मन सिंह किरमिच का कहना है कि राजस्थान में हरियाणा की तर्ज पर सरस्वती सरोवर बनाने का प्रोजैक्ट है। मानसून के सीजन में न केवल इन सरोवरों में पानी संचित होगा, बल्कि सिंचाई के लिए आसानी से इसका प्रयोग किया जा सकता है। मानसून सीजन के दौरान राबी-ब्यास-सतलुज में पानी का स्तर बढ़ जाता है। बाढ़ से बचोने में भी सरस्वती सबसे ज्यादा का कारगर साबित हो रही है। लिहाजा दोनों राज्यों के सिंचाई विभाग प्रोजैक्ट पर काम करेंगे, क्योंकि मानसून सीजन के दौरान सरस्वती नदी में पानी की मात्रा बढ़ जाती है। इस पानी को संचित करने के लिए दोनों राज्यों की सरकारें संयुक्त रूप से काम करेंगी।