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Haryana News : पानीपत सरपंच मामले में नया मोड़, SC के आदेश में सुधार की मांग; एडवोकेट ने उठाया कानूनी पेच

कहा-नोटिफिकेशन जारी करने का अधिकार डीसी नहीं बल्कि राज्य चुनाव आयोग का
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पानीपत की इसराना ब्लॉक की बुआना लाखू ग्राम पंचायत के सरपंच पद को लेकर लगभग 3 साल बाद आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले में अब नया ट्विस्ट सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच- जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एनके सिंह ने 11 अगस्त को आदेश दिया था कि पानीपत के उपायुक्त (डीसी) दो दिनों के भीतर नव-निर्वाचित सरपंच मोहित कुमार की नोटिफिकेशन जारी करें।

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 161(4) में यह साफ उल्लेखित है कि किसी भी पंचायत प्रतिनिधि की निर्वाचन नोटिफिकेशन डीसी नहीं बल्कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी की जा सकती है। यही कारण रहा कि 13 अगस्त को मोहित कुमार की निर्वाचन नोटिफिकेशन डीसी पानीपत ने नहीं बल्कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी की।

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इसके बाद 14 अगस्त को जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) ने मोहित कुमार को पद की शपथ दिलाई। 15 अगस्त को उन्होंने बतौर सरपंच गांव में ध्वजारोहण भी किया। इसी बीच, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश में सुधार करवाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, निर्वाचन आयुक्त, डीसी पानीपत सहित सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को लिखित में अपील की है कि आदेश में कानूनी स्थिति को सही तरीके से दर्ज किया जाए।

हेमंत कुमार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह लिखा गया है कि नोटिफिकेशन डीसी जारी करे, जबकि अधिनियम की धारा 161(4) के अनुसार यह अधिकार केवल राज्य चुनाव आयोग को है। इसलिए आदेश में उचित सुधार होना आवश्यक है ताकि कानूनी स्थिति स्पष्ट रहे। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस तकनीकी गलती को सुधारते हुए अपने आदेश में संशोधन करता है या नहीं।

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