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Haryana News : झज्जर में गिराई जानी थी अवैध रूप से बनी झुग्गियां, चेतावनी के बाद वापिस लौटे विभाग के अधिकारी

सैक्टर-9 की इन सैकड़ों झ़ग्गियों में परिवार सहित रह रहे है प्रवासी मजदूर, महिलाएं बोली, झुग्गियां तोड़ने की चाह रखने वाले बताएं कि उनके रहने का क्या है इंतजाम
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झज्जर के सैक्टर-9 में प्रवासी मजदूरों की झुग्गियों को गिराने के लिए जेसीबी के साथ पहुंचा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) का दस्ता।
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झज्जर, 6 फरवरी (हप्र)

Haryana News : झज्जर के सैक्टर-9 की खाली पड़ी जमीन पर पिछले काफी लंबे समय से झुग्गियां बनाकर रह रहे प्रवासी मजदूरों के अस्थाई आवास पर अब जल्द ही हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) का हथोड़ा चलने वाला है। गुरूवार को इसी जमीन पर बनी इन झुग्गियाें को पुलिस पहरे में तोड़ने के लिए सम्बंधित विभाग का दस्ता पहुंचा था।

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कुछ झुग्गियाें पर प्रशासन को पीला पंजा भी चला,लेकिन बाद में वह तोड़फोड़ की कार्यवाहीं को पूरी करने से पहले ही इन प्रवासी मजदूरों को चार दिनों के भीतर यह झुग्गियां स्वयं हटा लेने की चेतावनी देकर वापिस लौट आया। उनके चले जाने के बाद इन प्रवासी मजदूरों ने वहीं पर विभाग की इस चेतावनी और कार्यवाहीं का विरोध जताया और नारेबाजी भी की। इस विरोध में प्रवासी मजदूरों की महिलाएं भी शामिल रही।

उनका कहना था कि वह करीब दस-15 सालों से यहां सैक्टर-9 की खाली पड़ी जमीन पर अपनी अस्थाई झुग्गियां बनाकर रह रहे है। वह दिहाड़ी-मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करते है। उनका कहना था कि यदि उनकी झुग्गियां तोड़ी गई तो उनके सामने उनके रहने की समस्या खड़ी हो जाएगी। उनके छोटे-छोटे बच्चें भी है। उनकी झुग्गियां तोड़े जाने से पहले विभाग और सरकार को यह बताना चाहिए कि वह कहा जाए।

इन प्रवासी मजदूरों का कहना था कि वह पंचायती राज के तहत जो विकास के काम होते है उन्हें वह सभी लोग अपने परिजनों के साथ मिलकर दिहाड़ी पर करते है। उनके पास रहने के लिए कोई स्थान नहीं है। मजबूरी में ही उन्होंने यहां पर अस्थाई रूप से झुग्गियां बनाकर अपना जीवन यापन शुरू किया था। लेकिन अब यदि उनकी झुग्गियां तोड़ दी जाएगीं तो फिर वह रहने कहा जाएगें। झुग्गियां तोड़ने से पहले प्रशासन और सरकार को उनके रहने का इंतजाम करना चाहिए।

इस दौरान झुग्गियाें में रहने वाले यह परिवार विभाग की इस कार्यवाहीं को पूरी तरीके से विरोध करते हुए नजर आए। उनका कहना था कि वह किसी भी कीमत पर यहां से जगह को खाली नहीं करेंगे। उधर पता यह भी चला है कि जिन झुग्गियों पर यह प्रवासी मजदूर रह रहे है दरअसल यह जमीन विभाग की न होकर उन लोगों की जिन्हें विभाग ने बकायदा पैसे लेकर प्लाट अलॉट कर रखा है।

इन्हीं लोगों ने ही अपना निर्माण करने के लिए जगह को खोली करने के लिए विभाग से समपर्क किया था। जिसके बाद ही इस जगह को खाली कराने के लिए विभाग का तोड़फोड़ दस्ता वहां पर पहुंचा था।

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