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Haryana News : बच्चों के बचपन को बर्बाद कर रही अवैध एकेडमी और किड्स प्ले स्कूल, बंद करवाने की उठी मांग

जींद में ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने एडीसी को सौंपा ज्ञापन
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सोमवार को जींद में एडीसी को ज्ञापन देते ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी। हप्र
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जसमेर मलिक/जींद, 24 मार्च (हमारे प्रतिनिधि)

Haryana News : छोटे-छोटे कमरों में और अवैध रूप से चल रही एकेडमी तथा प्ले स्कूलों को बंद करवाने की मांग को लेकर ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सोमवार को एडीसी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के बाद सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी की नौनिहालों के बचपन को बर्बाद करने वाली इस तरह की अवैध एकेडमी और प्ले स्कूलों को बंद नहीं करवाया गया, तो एसोसिएशन अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

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सोमवार सुबह सोमवार को ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राम अवतार शर्मा के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी एडीसी विवेक आर्य से उनके कार्यालय में मिले। एडीसी विवेक आर्य को सौंपे ज्ञापन में एसोसिएशन ने कहा कि अवैध रूप से चल रही एकेडमी और किड्स प्ले स्कूलों पर कानून के अनुसार तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए।

एनसीआर क्षेत्र में स्कूल बसों की अवधि को 10 साल की बजाय 15 साल किया जाए। स्कूल बसों से यात्री कर हटाया जाए। 134 ए और आरटीई योजना की बकाया राशि तुरंत जारी की जाए। एडीसी को ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राम अवतार शर्मा और जींद के जिला प्रधान वजीर सिंह ढांडा ने कहा कि अवैध रूप से चल रही एकेडमी और किड्स प्ले स्कूल बच्चों के बचपन को बर्बाद कर रहे हैं। इन एकेडमी और किड्स प्ले स्कूल में बच्चों को भेड़- बकरियों की तरह छोटे-छोटे कमरों में ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है।

इनमें किसी तरह की कोई सुविधा नहीं और बच्चों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। बेसमेंट में एकेडमी चल रही हैं, जिनमें कभी भी आग लगने या पानी भरने से दिल्ली और गुजरात के सूरत जैसा कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वजीर सिंह ढांडा ने कहा कि उनका संगठन सरकार को पहले ही आगाह कर रहा है कि छोटे बच्चों के बचपन को बर्बाद कर रहे और कायदे - कानून को ठेंगा दिखाकर चल रहे किड्स प्ले स्कूलों और एकेडमी को बंद करवाया जाए, ताकि कोई बड़ा हादसा नहीं हो।

उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार का कानून कहता है कि 16 साल तक का कोई भी बच्चा स्कूल के समय में किसी एकेडमी में नहीं जाएगा। अगर 16 साल तक के किसी बच्चे को स्कूल टाइम में एकेडमी में दाखिल किया जाता है, तो यह गैर कानूनी है। ढांडा ने कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों की तरफ ध्यान देना चाहिए। राजस्थान के कोटा और सीकर की एकेडमी में पढ़ रहे बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं, तो इसकी बड़ी वजह डिप्रेशन है।

बच्चों पर मां-बाप इस तरह की कोचिंग थोंप रहे हैं, जबकि एकेडमी में बच्चों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए कोई सुविधा नहीं है। स्कूलों में ही बच्चों का चहुंमुखी विकास संभव है, चाहे वह स्कूल निजी हो, या सरकारी। इस मौके पर पुरुषोत्तम शर्मा, राजेश मलिक, बिजेंदर रेढू आदि भी मौजूद थे।

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