Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Haryana News : हरियाणा श्रमिकों के लिए अच्छी खबर, ब्लाक स्तर पर स्थापित किए जाएंगे हेल्प डेस्क

हरियाणा में श्रमिकों की बेटी को स्कूटी के लिए 50 और लेपटॉप के लिए 49 हजार की मदद

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 18 जून।

Advertisement

Haryana News : हरियाणा के श्रमिकों व उनके परिवार के सदस्यों के लिए अच्छी खबर है। भवन व अन्य सन्निर्माण के कार्य से जुड़े श्रमिकों से जुड़ी योजनाओं का लाभ श्रमिकों तक पहुंचे, इसके लिए ब्लाक स्तर (मंडल स्तर) पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे। हरियाणा में श्रम, बिजली व परिवहन मंत्री अनिल विज ने इसकी मंजूरी दी है।

Advertisement

विज ही हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के चेयरमैन हैं। श्रमिकों व उनके परिवार के सदस्यों के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हुई हैं। विज के पास प्रदेशभर से श्रमिकों की इस तरह की शिकायतें पहुंच रही थीं कि उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने हेल्प डेस्क स्थापित करने के आदेश दिए हैं। श्रमिकों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं के तहत मातृत्व लाभ के लिए 36 हजार तथा पितृत्व लाभ के लिए 21 रुपये हजार रुपये की आर्थिक मदद बोर्ड करता है।

पंजीकृत कामगार के बच्चों की शिक्षा हेतु दिए जाने वाले लाभों के अंतर्गत बच्चों की पहली कक्षा से उच्च शिक्षा तक की वार्षिक वित्तीय सहायता 8 हजार से 20 हजार रुपये तक की वित्तीय मदद दी जा चुकी है। इतना ही नहीं, मेधावी बच्चों के 10वीं/12वी की परीक्षा में 60 प्रतिशत से 90 प्रतिशत अंक प्राप्ति पर 21 हजार रुपये से 51 हजार रुपये छात्रवृत्ति तथा वास्तविक सरकारी खर्च के अनुसार कामगार के बच्चों को प्रोफेशनल व टेक्निकल कोर्स हेतु पूर्ण शैक्षणिक व्यय की प्रतिपूर्ति करने की योजना है।

कामगार के बच्चों को व्यवसायिक संस्थानों में हॉस्टल सुविधा हेतु एक लाख 20 हजार रुपये तक सहायता राशि मिल सकती है। पंजीकृत कामगार के बच्चों को व्यावसायिक कोर्स की कोचिंग हेतु 20 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक सहायता की भी योजना है। निर्माण कर्मकार की पुत्री के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर की खरीद के लिए 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार देती है। इसी तरह श्रम योगी प्रतिभावान योजना के तहत लेपटॉप के लिए 49 हजार रुपये मिलते हैं।

सिलाई मशीन के लिए भी मदद

साइकिल की खरीद की अदायगी के लिए 5 हजार रुपये तथा औजार के लिए 8 हजार रुपये अनुदान मिलता है। इतना ही नहीं, श्रमिकों की बेटियां सिलाई मशीन खरीद के लिए बोर्ड से 4,500 रुपये की मदद ले सकती हैं। मुख्यमंत्री महिला निर्माण श्रमिक सम्मान योजना के तहत 5100 रुपये, कन्यादान योजना के तहत 3 बच्चों की शादी हेतु वित्तीय सहायता (सुपुत्री) के लिए 1 लाख 1 हजार रुपये दिए जाते हैं। वहीं महिला श्रमिक की स्वयं की शादी हेतु वित्तीय सहायता 50 हजार रुपये मिलते हैं।

धार्मिक यात्राओं पर भी मदद

धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण पर वास्तविक किराए की प्रतिपूर्ति के तहत वास्तविक रेल (द्वितीय श्रेणी) बस (साधारण) किराए की भरपाई और पैतृक घर जाने पर वास्तविक किराए की प्रतिपूर्ति के तहत वास्तविक रेल (द्वितीय श्रेणी)/बस (साधारण) किराए की भरपाई बोर्ड करता है। ऐसे ही, चिकित्सा सहायता (मजदूरी क्षतिपूर्ति) के अंतर्गत न्यूनतम मजदूरी के आधार पर मजदूरी की भरपाई, घातक बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सहायता के तहत एक लाख रूपए तक सहायता तथा अपंगता सहायता के अंतर्गत डेढ़ लाख रुपये से 3 लाख तक की आर्थिक मदद श्रमिक ले सकते हैं।

तीन हजार पेंशन भी

श्रमिकों को अपगंता पेंशन के तहत 3 हजार रुपये मासिक मिलते हैं। इसी तरह श्रमिकों के अक्षम बच्चों को 3 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रतिमाह मिलती है। पेंशन (60 वर्ष उपरांत) 3,500 रुपये प्रतिमाह, पारिवारिक पेंशन 1,750 रुपये प्रतिमाह, विधवा पेंशन 3000 रुपये प्रतिमाह, मुख्यमंत्री श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मृत्यु पर वित्तीय सहायता के अंतर्गत कार्यस्थल पर दुर्घटना में 5 लाख 15 हजार 000 रुपये मिलते हैं। अपंजीकृत श्रमिक की कार्यस्थल पर दुर्घटना में अपंगता होने पर डेढ़ से 3 लाख रुपये और मृत्यु हो जाने पर वित्तीय सहायता 4 लाख रुपये दी जाती है।

अनिल विज ने कहा कि राज्य में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए ब्लाक स्तर पर हेल्प डेस्क स्थापित होंगे। से हेल्प डेस्क वन स्टॉप सेंटर के रूप में काम करेंगे। हेल्प डेस्क पर श्रमिकों के पंजीकरण, विभिन्न योजनाओं के लाभ लेने हेतू सहायता, श्रमिकों को जागरूक करना और भवन निर्माण में कार्यरत श्रमिकों की समस्याओं के निवारण के रूप में कार्य होगा। विभाग का वर्तमान ध्यान कनेक्ट पॉइंट्स और सेवा वितरण बिंदुओं की जमीनी स्तर की भागीदारी को भी बढ़ाना है।

Advertisement
×