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Haryana News : कौशल रोजगार निगम कर्मियों के समर्थन में आए कर्मचारी संगठन, कांट्रेक्ट कर्मियों को नौकरी से हटाने के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन

विधानसभा में कानून बनाकर रिटायरमेंट तक नौकरी की गारंटी दे चुकी सरकार
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चंडीगढ़, 12 अप्रैल (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Haryana News : हरियाणा में हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से भर्ती किए गए अनुबंधित कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

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रिक्त पदों पर काम कर रहे जो कर्मचारी हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी (जॉब सिक्योरिटी) एक्ट-2024 के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। प्रदेशभर में कर्मचारी संगठन शुक्रवार से आंदोलन की राह पर हैं। अभी तक पीजीटी अध्यापकों के अलावा, नहर विभाग, वन विभाग तथा पंचायत विभागों में जिला स्तर पर तैनात कर्मचारियों को निकाला जा चुका है।

हरियाणा में सभी सरकारी संस्थाओं को संविदात्मक जनशक्ति प्रदान करने के उद्देश्य से 2021 में हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएनएल) का गठन किया था। एचकेआरएन के माध्यम से निकाले गए कर्मचारी लगातार जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला इन कर्मचारियों के समर्थन का ऐलान कर चुके हैं।

मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा 3 अप्रैल को जारी आदेश मुख्य रूप से हरियाणा संविदा कर्मचारी जॉब सिक्योरिटी एक्ट के तहत कवर नहीं होने वाले संविदा कर्मचारियों के संबंध में कहा गया है कि नवनियुक्त ग्रुप सी के शामिल होने और जॉब सिक्योरिटी एक्ट के तहत सेवा की सुरक्षा का लाभ प्राप्त करने वाले सभी संविदा कर्मचारियों के समायोजन के बाद, यदि विभागों, बोर्डों, निगमों में खाली पद उपलब्ध नहीं हैं, तो आउटसोर्सिंग पॉलिसी या एचकेआरएनएल के पार्ट 1 और 2 के माध्यम से शुरू में लगे अनुबंधित कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा।

मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उन्हें पहले आओ- पहले पाओ के सिद्धांत को लागू करके मुक्त किया जाएगा। हरियाणा सरकार हाल ही में भर्ती हुए ग्रुप सी के कर्मचारियों को नियुक्ति देना चाहती है, जिनकी भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से हुई है। यदि पद पर 15 अगस्त, 2019 से पहले आउटसोर्सिंग नीति के तहत या एचकेआरएनएल के माध्यम से नियुक्त कोई अनुबंधित कर्मचारी कार्यरत है, तो ऐसे कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं किया जाएगा।

राज्य सरकार के कर्मचारियों की सर्वोच्च संस्था सर्व कर्मचारी संघ ने इस फैसले को अवैध और बिना किसी औचित्य के बताया है। सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का दावा कर रही है, लेकिन इस फैसले से बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हो जाएंगे।

सरकार को तुरंत इस आदेश को वापस लेना चाहिए, ताकि किसी भी संविदा कर्मचारी की छंटनी न हो। लांबा ने कहा कि आज प्रदेश भर में कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं। सरकार ने एचकेआरएन से निकाले गए कर्मचारियों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।

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