Haryana News: शहरी निकायों की रिपोर्टों में झोल, प्रदेश मुख्यालय में होगी कड़ी जांच
Haryana News: हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने राज्यभर के नगर निगमों और परिषदों पर शिकंजा कस दिया है। इसके पीछे बड़ा कारण है, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की वार्षिक रिपोर्टों में सामने आई गंभीर गड़बड़ियां। जांच में खुलासा हुआ कि कई नगर निकायों ने गलत आंकड़े, अधूरी जानकारी और असंगत डेटा अपलोड कर दिया, जिससे राज्य स्तर की पूरी रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठ गए हैं।
विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि वे अपनी रिपोर्टें तुरंत दोबारा सत्यापित करें, सुधारें और पुनः पोर्टल पर अपलोड करें। अब पंचकूला मुख्यालय में तीन दिन तक चलने वाला विशेष सत्यापन अभियान चलेगा, जहां एक-एक रिपोर्ट की लाइन-दर-लाइन जांच की जाएगी।
शुक्रवार को इस संदर्भ में प्रदेश मुख्यालय से सभी निकायों को लिखित में मेमो जारी किया गया। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि विभाग की जांच में नगर निकायों द्वारा जमा की गई रिपोर्टों में गंभीर अंतर पाए गए हैं। राज्य स्तरीय टीम द्वारा की गई समीक्षा में कई बड़ी गलतियां सामने आई हैं। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के आंकड़े आपस में मेल नहीं खाते। राज्य स्तर पर प्लास्टिक कचरे की कुल मात्रा (5,58,357.944 टन प्रति वर्ष) गलत पाई गई।
इसी तरह रीसाइक्लिंग और वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट्स की संख्या में भी गड़बड़ी मिली है। कई नगर निकायों ने वास्तविकता से अधिक आंकड़े रिपोर्ट किए। सड़क निर्माण में उपयोग किए गए प्लास्टिक कचरे की जानकारी में भी झोल मिला है। 109.4 किमी सड़क के निर्माण में 18,033 टन प्लास्टिक दिखाया गया, जो जांच में गलत पाया गया। विभाग ने स्पष्ट कहा है कि यह केवल कुछ उदाहरण हैं। इन रिपोर्ट में सैकड़ों ऐसी विसंगतियां मिली हैं, जो विभागीय स्तर पर गंभीर चिंता का विषय हैं।
अब नये सिरे से होगी रिपोर्ट की जांच
विभाग ने बताया कि पहले रिपोर्ट सबमिट होने के बाद संशोधन की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने विभाग की सिफारिश पर रिपोर्टों को पुनः अपलोड करने की अनुमति दे दी है। अब हर निकाय को यह प्रक्रिया अपने स्तर पर पूरी करनी होगी। इसमें डेटा की जांच, त्रुटियों का सुधार और पुनः पोर्टल पर अपलोड करना शामिल है। मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि राज्य स्तर पर किसी भी रिपोर्ट में बदलाव नहीं किया जाएगा।
अब पंचकूला मुख्यालय बनेगा ‘सत्यापन केंद्र’
शहरी स्थानीय विभाग ने सभी जिला नगर आयुक्त (डीएमसी) और नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने नगर निकायों के नोडल अधिकारी को पंचकूला मुख्यालय भेजें। वहां रिपोर्टों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा। अहम बात यह है कि सरकारी छुट्टी के दौरान भी सत्यापन का काम चलेगा। शनिवार के अलावा रविवार को भी दस्तावेज जांचे जाएंगे। सोमवार को यह प्रक्रिया पूरी होगी।
निकायों के अधिकारियों को अपने साथ 2023-24 और 2024-25 की सत्यापित हार्ड कॉपी और संबंधित डेटा एंट्री ऑपरेटर (जिसके पास मान्य लॉगिन क्रेडेंशियल्स और लैपटॉप हो) को साथ लेकर आना होगा। सत्यापन के दौरान रिपोर्ट की हर एंट्री की जांच की जाएगी और उसी समय सुधारित रिपोर्ट पोर्टल पर पुनः अपलोड की जाएगी।
तीन दिन में पूरे राज्य की जांच का ब्लूप्रिंट जारी
विभाग ने राज्य के सभी जिलों के लिए तीन दिवसीय जांच शेड्यूल तय किया है। संबंधित निकायों को उनकी बारी के हिसाब से बुलाया गया है। शनिवार को पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल व जींद जिले के निकायों के अधिकारियों को बुलाया गया। रविवार को सिरसा, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह व पलवल के अधिकारियों की क्लास लगेगी। सोमवार को रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, पानीपत व सोनीपत जिले के निकायों के दस्तावेज जांचे जाएंगे।
