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Haryana News : लापरवाही पर विभाग सख्त, 9 कॉलेजों को नोटिस; वेबसाइट अपडेट करना अनिवार्य

नौ कॉलेजों ने अब तक अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन ही नहीं खरीदा है
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Haryana News : हरियाणा में उच्चतर शिक्षा विभाग ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि विद्यार्थियों की सुविधा से कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। इसी क्रम में नौ सरकारी कॉलेजों को वेबसाइट न शुरू करने और अपडेट न रखने के मामले में नोटिस जारी किए गए हैं। विभाग ने इन कॉलेजों को 8 सितंबर तक का समय दिया है। साथ ही चेतावनी दी है कि समयसीमा में वेबसाइट न बनने पर सख्त कार्रवाई तय है।

सरकार ने प्रदेश के सभी कॉलेजों के लिए अलग-अलग वेबसाइट तैयार करवाने की पहल पहले ही कर दी थी। मकसद यह था कि हर विद्यार्थी को प्रवेश प्रक्रिया से लेकर फीस संरचना, पढ़ाए जा रहे कोर्स, परीक्षा समय-सारणी, नैक स्टेटस, खेल सुविधाएं और लाइब्रेरी डिटेल जैसी जरूरी जानकारियां ऑनलाइन आसानी से मिल सकें। इसके अलावा कॉलेजों से यह भी अपेक्षा की गई थी कि वे दैनिक नोटिस, टाइम टेबल और अकादमिक कैलेंडर समय-समय पर वेबसाइट पर डालते रहें, ताकि छात्रों को इधर-उधर भटकना न पड़े।

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विभाग की जांच में यह सामने आया कि नौ कॉलेजों ने अब तक अपनी वेबसाइट के लिए डोमेन ही नहीं खरीदा है। इनमें भिवानी के तीन, सोनीपत के दो और यमुनानगर, पलवल, कैथल व चरखी दादरी के एक-एक कॉलेज शामिल हैं। विभाग ने इन कॉलेजों को साफ कहा है कि वे सात दिन के भीतर डोमेन खरीदकर निदेशालय को सूचित करें। ऐसा न करने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन की होगी। शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में कॉलेजों की वेबसाइट किसी भी समय रैंडम तरीके से चेक की जा सकती है। अगर उस समय जानकारी अपडेट नहीं मिली, तो कॉलेज प्रशासन पर सीधी जिम्मेदारी तय होगी।

यह कदम न केवल विद्यार्थियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुविधा देने के लिए है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में भी अहम है। विभाग का मानना है कि जब सभी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी, तो छात्रों और अभिभावकों को कॉलेजों पर भरोसा करने में आसानी होगी और शिक्षा की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

दरअसल, डिजिटल इंडिया की सोच के अनुरूप कॉलेज वेबसाइटें अब केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था का अहम हिस्सा मानी जा रही हैं। ऐसे में विभाग का यह सख्त रुख संकेत देता है कि अब तकनीकी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विद्यार्थियों को हर हाल में डिजिटल सुविधा से जोड़ा जाएगा।

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