Haryana Municipal Corporation Elections : दिसंबर-जनवरी में हो सकते हैं नगर निगम चुनाव, महिलाओं को 33% आरक्षण
Haryana Municipal Corporation Elections : हरियाणा के तीन बड़े नगर निगमों- अंबाला सिटी, पंचकूला और सोनीपत में चुनावी बिगुल बजने ही वाला है। राज्य सरकार ने इन निगमों में पार्षद सीटों के आरक्षण का ऐलान कर दिया है। अधिसूचना जारी होते ही तीनों शहरों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। संकेत साफ हैं कि चुनाव दिसंबर 2024 या फिर जनवरी 2025 में कराए जा सकते हैं।
अब सबकी नजर मेयर पद के आरक्षण पर टिकी है, जिसका ड्रा अभी निकलना बाकी है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता ने तीनों निगमों में एससी, बीसीए और महिलाओं के लिए ड्रा के जरिये हुए आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। फिलहाल केवल पार्षदों का आरक्षण घोषित हुआ है। कौन सा वार्ड कौन सी जाति और कैटेगरी के लिए होगा, इसका निर्णय बाद में ड्रा के जरिए ही होगा। हरियाणा में मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता करती है। यानी मतदाता मेयर के लिए सीधे वोट डालते हैं।
लिहाजा मेयर पद किस श्रेणी के लिए आरक्षित होगा, यह तय होना बाकी है। अधिसूचना जारी होते ही राजनीतिक दलों ने चुनावी रणनीति पर काम तेज कर दिया है। भाजपा, कांग्रेस सहित समेत अन्य दल अब संभावित उम्मीदवारों की तलाश और समीकरण साधने में जुट जाएंगे। खासकर महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर टिकट बंटवारे को लेकर भी पार्टियों को कड़ी मेहनत करनी होगी।
अंबाला और पंचकूला में 20-20 सीटें
अंबाला और पंचकूला नगर निगम में कुल 20-20 वार्ड हैं। दोनों ही जगहों पर अनुसूचित जाति के लिए 3-3 (महिलाओं सहित) वार्डों को आरक्षित किया है। इसी तरह बीसी-ए के लिए अंबाला में दो और पंचकूला में एक सीट रिजर्व की है। वहीं बीसी-बी के लिए दोनों निगमों में एक-एक सीट पर आरक्षण मिलेगा। दोनों निगमों में महिलाओं के लिए 7-7 सीटें आरक्षित रहेंगी।
सोनीपत निगम में बढ़े दो वार्ड
सोनीपत के मौजूद नगर निगम में अभी तक 20 वार्ड हैं। निगम की सिफारिश के बाद विभाग ने इनकी संख्या बढ़ाकर 22 कर दी है। 22 के हिसाब से ही ड्रा हुआ है। इनमें से कुल 8 सीटों पर महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा। इसमें सामान्य श्रेणी के अलावा एससी, बीसी-ए व बीसी-बी की महिलाएं भी शामिल रहेंगी। निगम में एससी के लिए 4, बीसी-ए के लिए दो तथा बीसी-बी के लिए एक सीट रिजर्व की है।
पीपीपी डेटा बना आधार
आरक्षण की गणना परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) अधिनियम-2021 के तहत बनाई गई फैमिली इन्फॉर्मेशन डेटा रिपोजिटरी और मतदाता सूची के आधार पर हुई है। इसमें प्रावधान है कि जनसंख्या का 140 प्रतिशत या फिर पंजीकृत मतदाताओं की संख्या (जो भी अधिक होगी), उसे आधार माना जाएगा। इस फॉर्मूले से ही सीटों का आरक्षण तय हुआ।
मेयर पद बनेगा ‘गेमचेंजर’
फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यह है कि अंबाला, पंचकूला और सोनीपत में मेयर की सीट किस वर्ग के लिए आरक्षित होगी। चूंकि मेयर का चुनाव जनता सीधे करती है, इसलिए आरक्षण का यह ड्रा तय करेगा कि मुकाबला किस दिशा में जाएगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मेयर पद का आरक्षण घोषित होते ही तस्वीर और साफ हो जाएगी और मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।