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Haryana Monsoon Session: जल प्रवाह बढ़ाने के लिए नदियों से निकलेगी रेत, दस शहरों में बनेगी IMT

सिंचाई मंत्री बोलीं– दशकों बाद शुरू हुई पहल, बाढ़ और जलभराव की समस्या पर मिलेगी राहत
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हरियाणा विधानसभा में उठे मुद्दे। ट्रिब्यून
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Haryana Monsoon Session:  हरियाणा सरकार ने प्रदेश की प्राकृतिक नदियों से दशकों बाद रेत निकालने का बड़ा निर्णय लिया है। इससे न सिर्फ जल प्रवाह सुचारू होगा बल्कि हर साल आने वाली बाढ़ और जलभराव की समस्या से भी राहत मिलेगी। विधानसभा में बुधवार को सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने यह जानकारी दी। वहीं, प्रश्नकाल में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए दस शहरों में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउन (आईएमटी) स्थापित करने का फैसला किया है।

मुलाना विधायक पूजा चौधरी ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि मारकंडा नदी में बरसों से गाद नहीं निकाली गई, जिसके चलते बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। सरकार को हर मानसून में न सही, लेकिन दो-तीन साल में एक बार सफाई अवश्य करनी चाहिए। इस पर सिंचाई मंत्री ने माना कि पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक नदियों से रेत निकालने का काम नहीं हुआ, लेकिन अब सरकार ने इस दिशा में पहल की है।

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सोम नदी पर वाटर बॉडी और बैराज

सढ़ौरा विधायक रेणु बाला ने मानसून में यमुना की सहायक सोम नदी से गांवों में आने वाली तबाही का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस बार भी दर्जनों गांव जलमग्न हो गए और खेतों से लेकर घरों तक कई फुट पानी भर गया। जवाब में मंत्री ने बताया कि 100 एकड़ भूमि पर वाटर बॉडी बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसका प्रस्ताव ग्राम पंचायत से आ चुका है।

इसके अलावा आदिब्रदी और सोम नदी पर बैराज बनाए जाएंगे और सिंचाई विभाग ने एक डैम का स्टोरेज स्ट्रक्चर बनाने का भी फैसला किया है। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि परियोजनाएं शुरू होने के बाद प्रभावित क्षेत्रों में पानी की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। रेणु बाला ने सदन में जोर देते हुए कहा कि जब तक सोम नदी के तटबंध पक्के नहीं होंगे, तब तक हर वर्ष मानसून के दिनों में लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से इस पर ठोस कदम उठाने की मांग की।

दिसंबर तक होगा गन्ना किसानों का भुगतान

विधानसभा में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा भी उठा। नारायणगढ़ की प्राइवेट शुगर मिल में गन्ना डालने वाले किसानों का भुगतान लंबे समय से अटका हुआ है। इस पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि वर्तमान में 16 करोड़ 74 लाख रुपये बकाया हैं। उन्होंने जानकारी दी कि इसमें से 5 करोड़ 40 लाख रुपये 5 सितंबर तक जारी कर दिए जाएंगे, जबकि शेष 11 करोड़ 34 लाख रुपये का भुगतान 15 दिसंबर तक कर दिया जाएगा। किसानों को उम्मीद है कि सरकार के दावे के बाद अब उन्हें जल्द ही राहत मिलेगी।

दस शहरों में बनेगी आईएमटी, ई-भूमि पोर्टल पर जमीन का इंतजार

हरियाणा सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए दस शहरों में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउन (आईएमटी) स्थापित करने का फैसला किया है। विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान के दौरान उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा।

पहले चरण में पांच शहरों में आईएमटी के लिए भूमि की तलाश शुरू कर दी गई है। दूसरे चरण में बाकी पांच शहरों में आईएमटी स्थापित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि सरकार ने ई-भूमि पोर्टल पर जमीन की मांग डाल दी है और अब यह देखना होगा कि किसान स्वेच्छा से अपनी जमीन पोर्टल पर अपलोड करते हैं या नहीं। जैसे ही पर्याप्त भूमि उपलब्ध होती है, सरकार तत्काल आगे की कार्रवाई शुरू करेगी।

विधानसभा में कांग्रेस विधायक राजबीर सिंह फरटिया ने लोहारू हलके के पिछड़ेपन का मुद्दा उठाया और यहां आईएमटी स्थापित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि यह इलाका राजस्थान से सटा हुआ है और औद्योगिक विकास के लिए उपयुक्त है। वहीं, महेंद्रगढ़ के खुड़ाना में प्रस्तावित आईएमटी का मुद्दा विधायक कंवर सिंह यादव ने उठाया।

मंत्री ने बताया कि यहां परियोजना के लिए कम से कम 1500 एकड़ भूमि चाहिए, लेकिन इतनी जमीन अभी उपलब्ध नहीं हो पाई है। प्रस्तावित स्थल नेशनल हाईवे से ढाई किलोमीटर दूर है, लिहाजा सड़क विस्तार के लिए भी अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता होगी। यहां बता दें कि खुड़ाना आईएमटी पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है।

किसानों पर टिकी है योजना

सरकार का साफ संदेश है कि आईएमटी योजना की सफलता किसानों के सहयोग पर निर्भर है। अगर किसान जमीन पोर्टल पर उपलब्ध करवाते हैं तो प्रदेश में उद्योगों के नए द्वार खुलेंगे और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मंत्री ने कहा कि लोहारू जैसे पिछड़े ब्लॉकों में उद्योग लगाने वालों को सरकार कई तरह की सुविधाएं देगी। इनमें बिजली पर सब्सिडी, विशेष योजनाएं और नीति आधारित छूटें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जहां भी जमीन मिलेगी, सरकार वहां उद्योग से पीछे नहीं हटेगी।

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