मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Haryana Monsoon Session : विधानसभा में खिलाड़ियों के मुद्दे पर हंगामा, खेल मंत्री ने रखे आंकड़े

इंदूराज नरवाल के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदन में हुई बहस
Advertisement

Haryana Monsoon Session : हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में खिलाड़ियों को दी जाने वाली इनामी राशि और सरकारी नौकरियों के मुद्दे पर विपक्ष व सरकार के बीच कड़ी बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर पदक लाओ-पद पाओ की नीति बंद करने और खिलाड़ियों में भेदभाव करने का आरोप लगाया। खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने पूरी तथ्यात्मक जानकारी देते हुए विपक्ष के आरोपों का खंडन किया।

बरौदा से कांग्रेस विधायक इंदूराज नरवाल ‘भालू’ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पदक लाओ-पद पाओ नीति को बंद कर दिया है, जबकि उत्तर प्रदेश में इसे लागू किया है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को डीएसपी और इंस्पेक्टर की नौकरी क्यों नहीं दी गई। क्या इसमें भेदभाव हो रहा है।

Advertisement

हुड्डा ने सवाल उठाया कि पदक विजेता खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में क्यों प्राथमिकता नहीं दी जा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस मामले में वादाखिलाफी कर रही है और खिलाड़ियों में भ्रम पैदा कर रही है। विपक्ष के इन आरोपों के बीच खेल मंत्री गौरव गौतम ने जवाब दिया कि प्रदेश सरकार ने ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियन और पैरा एशियन गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया। वर्ष 2014-15 से 2025-26 तक कुल 16,409 खिलाड़ियों को 641.08 करोड़ रुपये की इनामी राशि दी गई है।

कुल 231 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का ऑफर दिया गया, जिसमें से 203 खिलाड़ियों ने ज्वाइन किया। गौरव ने बताया कि खेलों में पदक जीतने पर खिलाड़ियों को नकद इनामी राशि में वृद्धि की गई है। ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर खिलाड़ी को 6 करोड़, रजत पदक पर 4 करोड़ और कांस्य पदक पर 2.5 करोड़ दिए जाते हैं। ओलंपिक में भागीदारी करने वाले खिलाड़ियों को 15 लाख की राशि दी जाती है। एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 1.5 करोड़ और कांस्य पदक विजेता को 75 लाख रुपये मिलते हैं।

एशियन गेम्स में भागीदारी करने वाले खिलाड़ी को 7.5 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है। खेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार खिलाड़ियों को खेलों की तैयारी के लिए एडवांस राशि भी उपलब्ध कराती है और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करती। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन खेल विभाग के निदेशालय, पंचकूला में जमा करने की पूरी सुविधा है।

इस बहस के दौरान विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी खिलाड़ियों के हितों और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। इंदूराज भालू ने कहा कि सरकार को पदक विजेताओं के साथ पारदर्शी नीति अपनानी चाहिए। हुड्डा ने सुझाव दिया कि खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने के लिए स्पष्ट समय सीमा और प्रक्रिया घोषित की जाए। सरकार के पक्ष में, खेल राज्य मंत्री ने दोहराया कि हरियाणा सरकार हमेशा से ही खिलाड़ियों की हितैषी रही है। खिलाड़ियों को हर प्रकार की सुविधा और मान-सम्मान देने के लिए समर्पित है।

Advertisement
Tags :
Bhupendra Singh HoodaDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsgaurav gautamHaryana AssemblyHaryana Monsoon Sessionharyana newsHindi NewsInduraj Narwallatest newsदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार
Show comments