Haryana Monsoon Session : हरियाणा विधानसभा में ऐतिहासिक घोषणा, AI रिकार्डिंग व ट्रांसलेशन से बदलेगा कामकाज का अंदाज
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने बुधवार को मानसून सत्र के समापन पर सदन में ऐतिहासिक घोषणा की। अब विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों और अधिकारियों को विधायी प्रारूपण की प्रशिक्षण सुविधा दी जाएगी। साथ ही, लोकसभा की तर्ज पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित रिकॉर्डिंग और अनुवाद (ट्रांसलेशन) व्यवस्था लागू की जाएगी।
यह पहल केवल डिजिटल सुधार ही नहीं, बल्कि संसदीय पारदर्शिता और जनता के साथ सीधे संवाद को भी बढ़ावा देगी। विधानसचिवालय सेवा नियम 1981 में संशोधन किया जा रहा है। भारत सरकार के पूर्व विधि एवं न्याय सचिव डॉ. केएन चतुर्वेदी को वरिष्ठ विधिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। उनका लक्ष्य है कि विधानसभा का काम आधुनिक तकनीक व पारदर्शिता के मानक के अनुरूप हो।
स्पीकर ने बताया कि प्रधानमंत्री के ‘एक राष्ट्र-एक विधान मंडल’ दृष्टिकोण और पटना सम्मेलन के प्रस्तावों के तहत, हरियाणा में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इसमें यूएलबी, पंचायती राज, सहकारिता, युवा, महिला, शिक्षा और डीआईपीआर विभाग सहयोग करेंगे। अनुसंधान विंग को सुदृढ़ किया जाएगा। विधानसभा की पत्रिका का प्रकाशन पुनः शुरू होगा। डिजिटल और प्रिंट गैलरी की स्थापना भी की जाएगी, जो लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली को जनता के सामने पेश करेगी।
टीबी मुक्त भारत और जनता की अपेक्षाओं पर जोर
हरविन्द्र कल्याण ने विधायकों से टीबी उन्मूलन अभियान में सक्रिय भागीदारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संसदीय सुधार और लोकतंत्र की मजबूती केवल नियमों या अधिकारियों पर निर्भर नहीं है, बल्कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने वाले प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है। लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष के विचारों का टकराव लोकतंत्र की खूबसूरती है, जिसे किसी राजनीतिक स्वार्थ के लिए नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। सभी विधायकों को जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरना होगा, क्योंकि जनता ही सदन की असली मालिक है।