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Haryana Monsoon Session: विधानसभा सत्र कल से, विधायकों के यात्रा भत्ते व पिछड़ा वर्ग आयोग पर होगा संशोधन विधेयक पेश

Haryana Monsoon Session: सालाना सीमा हटेगी, विधायकों को अब 1.20 लाख रुपये तक मिलेगा लाभ
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Haryana Monsoon Session: हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र कल 22 अगस्त से शुरू होगा। सत्र में सरकार की ओर से हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक, 2025 पेश किया जाएगा। इसमें विधायकों को मिलने वाले विशेष यात्रा भत्ते के नियम में बदलाव का प्रस्ताव है।

मौजूदा कानून के अनुसार, विधायक या उनके परिवार की भारत में की गई यात्रा पर अधिकतम 10 हजार प्रतिमाह तक का भत्ता दिया जाता है, लेकिन इसकी वार्षिक सीमा 1,00,000 तय है। यानी विधायक पूरे साल में 10 हजार रुपये मासिक की बजाय कुल मिलाकर सिर्फ 1 लाख रुपये तक ही ले सकते हैं।

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नए संशोधन विधेयक में यह सालाना सीमा हटाने का प्रावधान है। इसके बाद विधायक हर माह 10,000 रुपये भत्ता लेने के हकदार होंगे। इससे उन्हें सालाना 1,20,000 रुपये का लाभ मिलेगा। संसदीय कार्य मंत्री महिपाल सिंह ढांडा की ओर से यह विधेयक पेश किया जाएगा। विधायकों द्वारा इस बढ़ोतरी और कैप हटाने की मांग को लेकर पिछले दिनों स्पीकर हरविन्द्र कल्याण से भी मुलाकात की थी। उनका तर्क था कि यात्रा खर्च और महंगाई को देखते हुए यह सीमा विधायकों के लिए बाधा बन रही थी। इसलिए वार्षिक कैप को हटाने पर सरकार सहमत हुई है।

विधानसभा सचिवालय के मुताबिक, इस संशोधन से राज्य खजाने पर हर साल लगभग 55 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राजनीतिक हलकों में इस कदम को लेकर बहस तेज हो गई है। विपक्ष का कहना है कि जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है, लेकिन विधायकों के लिए सरकार सुविधाएं लगातार बढ़ा रही है। दूसरी ओर, विधायक इसे अपने दायित्व और जनता से जुड़े कामकाज के लिए आवश्यक बता रहे हैं।

पिछड़ा वर्ग संशोधन विधेयक: आयोग को मिलेगी और शक्तियां, अध्यक्ष-सदस्यों को कानूनी सुरक्षा का प्रावधान

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में नायब सरकार हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करेगी। इस विधेयक के जरिए 2016 में बने मूल कानून में बदलाव करते हुए आयोग के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने और इसके अध्यक्ष व सदस्यों को कानूनी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है।

विधानसभा की साइट पर विधेयक को अपलोड किया जा चुका है। संशोधन विधेयक में कहा गया है कि पिछड़ा वर्ग आयोग पिछड़ा वर्ग की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और उनके कल्याण से जुड़े मामलों की जांच करेगा। संविधान और विधि में दिए गए प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार को सुझाव देगा। पिछड़ा वर्ग के अधिकारों के हनन व शिकायतों की जांच करेगा।

यही नहीं, पिछड़ा वर्ग की योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन करेगा। आयोग को किसी भी अन्य कार्य के लिए अधिकृत किया जा सकेगा। विधेयक में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। इसके तहत आयोग के अध्यक्ष, सदस्य, अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य के दौरान लिए गए निर्णयों और कार्रवाइयों के लिए किसी भी प्रकार के मुकदमे, उत्पीड़न या कानूनी कार्यवाही से संरक्षित रहेंगे। इस तरह का प्रावधान पहले हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम, 2018 में भी किया जा चुका है।

कृष्ण बेदी पेश करेंगे विधेयक

हरियाणा के समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी यह विधेयक सदन में पेश करेंगे। संशोधन के पीछे मुख्य उद्देश्य पिछड़े वर्ग की आवश्यकताओं और मांगों को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए आयोग के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करना है। साथ ही, आयोग को प्रभावी तरीके से कार्य करने के लिए कानूनी सुरक्षा भी अनिवार्य है। सरकार का मानना है कि इस संशोधन से आयोग को मजबूती मिलेगी और पिछड़े वर्गों के हितों की बेहतर ढंग से रक्षा हो सकेगी।

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