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Haryana IPS suicide case : पुलिस अधिकारी की मौत पर सियासत गरमाई, पंजाब कांग्रेस बोली- सिस्टम ने छीनी एक जिंदगी

आईपीएस आत्महत्या मामला: पंजाब कांग्रेस ने की पुलिस अधिकारी के परिवार के लिए न्याय की मांग

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Haryana IPS suicide case : पंजाब कांग्रेस ने आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या मामले में रविवार को हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की और अधिकारी के परिवार के लिए न्याय की मांग की।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर वाई पूरण कुमार जैसे आईपीएस अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं, तो कोई और भी सुरक्षित नहीं है। वडिंग ने कहा कि कांग्रेस कुमार के परिवार के लिए न्याय की मांग को लेकर सोमवार को पंजाब के जिला मुख्यालयों पर कैंडल मार्च निकालेगी। वाई पूरण कुमार (52) 2001 बैच के अधिकारी थे उन्होंने मंगलवार को यहां सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। कुमार ने एक ‘सुसाइड नोट' छोड़ा है।

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वडिंग ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर धर्म और जाति के आधार पर ध्रुवीकरण और लोगों को बांटने का भी आरोप लगाया। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिनके नाम का जिक्र अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में किया था और जिन पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।

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चन्नी ने कहा कि यदि ‘‘सुसाइड नोट'' है, तो प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कुमार के मामले में, चंडीगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उन अधिकारियों का उल्लेख नहीं है जिनका नाम सुसाइड नोट में है। चन्नी ने कहा कि कुमार की मृत्यु को छह दिन बीत चुके हैं और कुमार ने सुसाइड नोट में जिन लोगों का नाम लिया था, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। चन्नी ने आरोप लगाया कि हरियाणा भाजपा नेता हर दिन कुमार के घर जा रहे हैं और परिवार पर न्याय नहीं मांगने का दबाव बना रहे हैं।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि कुमार की पत्नी, अमनीत पी कुमार पंजाब से हैं और हरियाणा में एक आईएएस अधिकारी हैं। चन्नी ने आरोप लगाया कि एक आईएएस अधिकारी होने के बावजूद, उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है क्योंकि वह एक दलित परिवार से हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधान न्यायाधीश का मुद्दा भी उठाया और कहा कि उनकी ओर जूता उछालने की कोशिश की गई थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के रायबरेली की एक घटना का भी उल्लेख किया और कहा कि एक दलित व्यक्ति को चोर समझकर कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला गया।

चन्नी ने कहा कि पंजाब में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसमें डॉ. बी. आर. आंबेडकर की मूर्तियों को तोड़ा गया है। आईपीएस अधिकारी की मौत मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए, चन्नी ने कहा कि कांग्रेस मृतक के परिवार के साथ खड़ी है। हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया को हटा दिया था, जो उन अधिकारियों में से एक थे जिनके खिलाफ पूरण कुमार की पत्नी ने कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कार्रवाई की मांग की थी।

बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने हरियाणा के डीजीपी (शत्रुजीत कपूर) और बिजारणिया के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी एवं एसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

पूरण कुमार ने कथित सुसाइड नोट में आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम लिये हैं और हरियाणा के डीजीपी कपूर और रोहतक के तत्कालीन एसपी बिजारणिया पर उन्हें परेशान करने और बदनाम करने का आरोप लगाया। पूरण कुमार ने आठ पन्नों के सुसाइड नोट में कुछ अन्य अधिकारियों द्वारा जाति-आधारित भेदभाव सहित कथित उत्पीड़न का भी विवरण दिया है।

शनिवार को, हरियाणा के मंत्रियों कृष्ण लाल पंवार, कृष्ण कुमार बेदी, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और प्रधान सचिव राजेश खुल्लर के अलावा हरियाणा सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरण कुमार के परिवार से मुलाकात की, जो परोक्ष तौर पर उन्हें पूरण कुमार के शव का पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार के लिए राजी करने का एक प्रयास था।

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