Haryana IPS suicide case : चिराग ने शाह से की बात, कहा- पूरण कुमार ‘आत्महत्या' के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए
कुमार द्वारा छोड़े गए ‘सुसाइड नोट' में कई अधिकारियों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की मौत की समयबद्ध और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि किसी को भी, चाहे उसका पद या प्रभाव कुछ भी हो, बख्शा नहीं जाना चाहिए। चिराग पासवान ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की।
पासवान ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे पत्र में कहा कि अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी पूरण कुमार की कथित आत्महत्या प्रशासनिक व्यवस्था में जातिगत उत्पीड़न की निरंतर मौजूदगी का संकेत है। यह व्यवस्था में जहर की तरह फैला हुआ है। दलित नेता ने सैनी से भी बात की और मृत अधिकारी की पत्नी को फोन कर संवेदना व्यक्त की।
लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी अधिकारी को उसकी जाति, विचारधारा और ईमानदारी के कारण मानसिक उत्पीड़न सहना पड़ता है तो यह न केवल निंदनीय है बल्कि संविधान की आत्मा पर भी आघात है। चंडीगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को हरियाणा पुलिस अधिकारी की कथित आत्महत्या की ‘‘शीघ्र, निष्पक्ष और गहन जांच'' के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया।
कुमार द्वारा छोड़े गए ‘सुसाइड नोट' में कई अधिकारियों पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया गया है। कुमार की पत्नी ने कहा है कि उनकी मौत उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा ‘‘सुनियोजित उत्पीड़न'' का नतीजा है। चिराग ने कहा कि ‘सुसाइड नोट' में कुमार के शब्द प्रशासनिक व्यवस्था की आत्मा को झकझोर देते हैं। यह घटना देश की प्रतिष्ठा और संवैधानिक मर्यादा से जुड़ी है।
यह दुखद है कि एक अधिकारी जिसने अपना जीवन कानून, अनुशासन और सेवा के लिए समर्पित कर दिया, उसे अंततः इस ‘‘अमानवीय व्यवस्था'' के आगे झुकना पड़ा। उन्होंने सैनी से कहा कि मामले में सख्त, पारदर्शी और निडर कार्रवाई से देश को यह संदेश जाएगा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और उसके पद, प्रभाव या प्रतिष्ठा से फर्क नहीं पड़ता।