विपक्ष के आरोप पर हरियाणा सरकार का दावा- कानून व्यवस्था बेहतर, एक साल में सात गैंग्स्टर ढेर; 47 मुठभेड़ में दबोचे
भिवानी की अध्यापिका मनीषा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद विपक्ष ने हरियाणा में कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस विधायक इस मामले को जोरदार तरीके से उठा चुके हैं।
अब विधानसभा में सवाल उठाए जा रहे हैं। विधानसभा में कालांवाली से कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला के अतारांकित प्रश्न पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने लिखित जवाब में विपक्ष को करारा जवाब दिया। सोमवार को मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है और पुलिस ने संगठित अपराधियों पर नकेल कसी है। सीएम ने कहा कि इनेलो और कांग्रेस सरकारों के दौर में एफआईआर तक दर्ज नहीं होती थी। अब गैंग चलाने वाले अपराधी या तो जेल में हैं या पुलिस मुठभेड़ में मारे गए हैं।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, 2024 में 42 मुठभेड़ हुईं, जिनमें 7 गैंग्स्टर मारे गए और 57 घायल होकर गिरफ्तार किए गए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए विशेष कार्यबल (एसटीएफ) का गठन किया गया। इसके बाद कई अपराधी प्रदेश छोड़ने को मजबूर हुए। अब राज्य में एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) लागू की जा रही है ताकि संगठित अपराध पर स्थायी रोक लगाई जा सके।
प्रदेश में कानून-व्यवस्था संभालने के लिए 106 कंपनियां और 53 स्वैट टीम गठित की गई हैं, जिनमें प्रशिक्षित पुलिस कमांडो तैनात रहते हैं। इसके साथ ही डायल 112 सेवा को और प्रभावी बनाया गया है, जबकि महिला सुरक्षा के लिए 24 दुर्गा शक्ति रैपिड एक्शन टीम सक्रिय हैं। सीएम ने यह भी स्वीकार किया कि पुलिस बल में खासकर सिपाही से लेकर सब-इंस्पेक्टर स्तर तक कई पद रिक्त हैं, जिन्हें जल्द भरा जाएगा।