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हरियाणा पशु हमलों पर गरीबों को 10 हजार से 5 लाख तक मदद

रोजाना 100 लोग ‘डॉग बाइट’ का शिकार, अन्य बेसहारा पशु भी साबित होते हैं जानलेवा
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प्रतीकात्मक चित्र
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हरियाणा सरकार ने गरीब परिवारों को कुत्तों व बेसहारा पशुओं के हमलों से राहत देने के लिए बड़ी पहल की है। अब यदि किसी गरीब परिवार का सदस्य डॉग बाइट से घायल होता है या गाय-भैंस, सांड, नीलगाय, गधे जैसे पशुओं के हमले से मौत या दिव्यांगता का शिकार होता है, तो सरकार 10 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद देगी। यह प्रावधान ‘दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु)-2’ में जोड़ा गया है। मुख्य सचिव तथा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में रोजाना औसतन 100 लोग डॉग बाइट का शिकार होते हैं। कुत्तों के अलावा सड़कों और गलियों में बेसहारा पशु भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में हर महीने औसतन 10 लोग ऐसे हादसों में जान गंवा देते हैं। हालांकि कितने लोग दिव्यांग हुए, इसका रिकॉर्ड न तो यातायात पुलिस के पास है और न ही गोसेवा आयोग के पास।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में ‘दयालु’ योजना पहली अप्रैल, 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुरू की थी। तब से अब तक 36,651 परिवारों को कुल 1380 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिल चुकी है। योजना में अब डॉग बाइट और बेसहारा पशु हमलों को भी शामिल कर दिया गया है। नायब सरकार ने इस योजना का विस्तार भी किया है। जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी, जो पीड़ित परिवारों के आवेदनों पर विचार करेगी। इसमें पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, जिला परिवहन अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधि और अन्य अधिकारी सदस्य होंगे, जबकि योजना व जिला सांख्यिकी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।

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किस आय वर्ग के लिए योजना

योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये तक है। 6 से 60 साल तक की आयु के गरीब परिवार के सदस्य की मौत या दिव्यांगता पर पांच लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। छोटे बच्चों के लिए 1 से 5 लाख रुपये तक का प्रावधान है। घटना के तीन महीने के भीतर ऑनलाइन आवेदन करना जरूरी होगा।

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