Haryana Flood : हरियाणा में बाढ़ का कहर, 2897 गांव डूबे और 10 लाख एकड़ फसल चौपट; सरकार ने खोला राहत पोर्टल
हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश और नदियों के उफान ने पूरे प्रदेश को हिला दिया है। झज्जर, फरीदाबाद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, अंबाला समेत 2897 गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। खेतों में पानी, घरों में दरारें और सड़कें जलमग्न हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को कहा कि किसानों और प्रभावित परिवारों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल चालू किया है।
पोर्टल पर अभी तक 1 लाख 69 हजार 738 किसानों ने फसलों के नुकसान का दावा किया है। दावे करीब 9 लाख 96 हजार एकड़ फसल के नुकसान से जुड़े हैं। किसानों का कहना है कि धान की बाली निकलने ही वाली थी कि पानी ने सब चौपट कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी दावों का सत्यापन कर नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। सभी विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में ड्यूटी पर लगाया गया है। सीएम ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं बल्कि आपदा से लड़ने का है। सभी दलों को मिलकर काम करना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर, विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने अपना एक माह का वेतन राहत कोष में दिया है। साथ ही, उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से अपील की गई कि वे कम से कम एक दिन का वेतन दान करें। सीएम नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक, कुमारी सैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हिसार, भाजपा अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने फतेहाबाद, सांसद दीपेंद्र हुड्डा व व वरुण चौधरी ने अंबाला का दौरा कर किसानों से बातचीत की।
रेल सेवाओं पर पड़ा असर
यमुना के उफान से रेलवे प्रभावित हुई। कई ट्रेनें डायवर्ट और घंटों लेट हुईं। जम्मू मेल 3 घंटे, दिल्ली-अमृतसर एक्सप्रेस 10 घंटे, जयनगर-अमृतसर स्पेशल 7 घंटे लेट हुई। ऊंचाहार एक्सप्रेस को अब सहारनपुर-मेरठ-अलीगढ़ मार्ग से भेजा जा रहा है। चंडीगढ़ से प्रयागराज के बीच चलने वाली यह ट्रेन अब दिल्ली होकर प्रयागराज नहीं जाएगी। अंबाला कैंट से गुजरने वाली अधिकतर ट्रेनें पुरानी दिल्ली जाती थीं। लेकिन अब ये ट्रेनें पुरानी दिल्ली न जाकर सब्जी मंडी से नई दिल्ली होते हुए अपने आगे के सफर को तय कर रहीं हैं। ट्रेनों के डायवर्ट होने की वजह से ही कई ट्रेनें घंटों देरी से आ रहीं हैं।
एक नजर में पूरे प्रदेश के हाल
फरीदाबाद : यमुना नदी खतरे के निशान पर बह रही है। 12 गांव प्रभावित हैं, 270 मकान जलमग्न और सड़कों पर पानी भरा है।
कुरुक्षेत्र : मारकंडा नदी डेंजर लेवल पर बह रही है। शाहाबाद के जलबेहड़ा में बीबीपुर चैनल लिंक की एक दीवार टूटने से करीब 6,500 एकड़ फसल के डूबने का खतरा बढ़ गया।
अंबाला : भुनी गांव में टांगरी नदी में नहाने गए 5 बच्चे बह गए, जिनमें से 4 को बचाया गया। दुखेड़ी गांव में बरसाती नाले में 2 लोग बह गए, खोज कार्य जारी।
नारनौल : सैदपुर गांव में बिजली गिरने से 7 मकानों में दरारें आ गईं। कई उपकरण जल गए। घर के फ्रिज, एसी और लाइट सब जल गए। परिवार डर के साए में है।
सिरसा : अहमदपुर में घग्गर नदी पर बांध टूट गया। करीब 30 फीट कटाव हुआ और खेतों में पानी भर गया। बचाव कार्य के दौरान एक ट्रैक्टर बहा।
भिवानी : सांगवान गांव में पुलिस और प्रशासन ने रेस्क्यू कर बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर निकाला।
बहादुरगढ़ : मुंगेशपुर ड्रेन टूटने से गांव में पानी-पानी। सेना ने संभाला मोर्चा। प्रशासन भी जुटा बचाव कार्यों में।