Haryana: सहकारिता से सजेगा आत्मनिर्भर भारत का रास्ता, 72वां राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह कल से
National Cooperative Week: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सहकारिता के माध्यम से नई दिशा देने की तैयारी हरियाणा ने कर ली है। राज्य में कल से शुरू हो रहा 72वां राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह सहकारिता आंदोलन को नए तेवर और विस्तार देने वाला साबित होगा। प्रदेश स्तरीय मुख्य समारोह 14 नवंबर को सोनीपत के दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डाॅ. अरविंद शर्मा ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देशभर में सहकारिता आंदोलन जनभागीदारी का प्रतीक बन चुका है। अब आत्मनिर्भर भारत अभियान में सहकारिता को माध्यम बनाना इस वर्ष के आयोजन की थीम है, जिसके अनुरूप हरियाणा की सभी सहकारी संस्थाएं 14 से 20 नवंबर तक कार्यक्रमों की शृंखला आयोजित करेंगी।
डाॅ. शर्मा ने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक ढांचा नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम भी है। उन्होंने बताया कि विभाग कृषि, ग्रामीण विकास, लघु उद्योगों, महिलाओं और युवाओं को संगठित कर आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। लक्ष्य है—वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में सहकारिता को निर्णायक शक्ति बनाना।
सात दिन, सात थीम - सहकारिता की नई दृष्टि
- 14 नवंबर: डिजिटलीकरण से दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता — कार्यक्रम का आयोजन हरको बैंक द्वारा किया जाएगा।
- 15 नवंबर: सहकारी शिक्षा को बढ़ावा — त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण की पहल।
- 16 नवंबर: ग्रामीण विकास को सहकारिता के माध्यम से सशक्त बनाना — आयोजन हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण बैंक लिमिटेड करेगा।
- 17 नवंबर: राष्ट्रीय सहकारिता नीति और भारतीय सहकारी समितियों का रोडमैप — हरियाणा राज्य सहकारी आवास संघ लिमिटेड द्वारा कार्यक्रम।
- 18 नवंबर: हस्तशिल्प, हथकरघा, श्रम व मत्स्य पालन से उद्यमिता और सशक्तिकरण — हरियाणा राज्य सहकारी श्रम एवं निर्माण संघ लिमिटेड की ओर से आयोजन।
- 19 नवंबर: पर्यटन, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और रसोई समितियों में सहकारिता का विस्तार — हैफेड कार्यक्रम आयोजित करेगा।
- 20 नवंबर: वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सहकारी व्यवसाय मॉडल में नवाचार — शुगर फेडरेशन हरियाणा द्वारा समापन समारोह।
‘सहकारिता से समृद्धि’ की दिशा में कदम
डाॅ. शर्मा ने कहा कि सहकारिता का मूल दर्शन है – ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास।’ यही सिद्धांत प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान की जड़ में है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सहकारी संस्थाएं अब पारंपरिक सीमाओं से आगे बढ़कर नई तकनीक, पारदर्शिता और नवाचार के साथ आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगी।
सहकारिता बनेगी विकास का साझा मंच
राज्य के हर जिले में सहकारी समितियां इस सप्ताह विशेष जागरूकता अभियानों, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करेंगी। इसका उद्देश्य युवाओं, किसानों, महिलाओं और उद्यमियों को सहकारिता आंदोलन से जोड़ना और उनके लिए नए अवसर तैयार करना है। डाॅ. शर्मा ने विश्वास जताया कि यह सप्ताह हरियाणा में सहकारिता की नई ऊर्जा और दिशा तय करेगा, जहां आत्मनिर्भरता केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि जन-आंदोलन का रूप लेगी।
