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Haryana Congress: अनुशासनहीनता पर राव नरेंद्र का कड़ा प्रहार, मनीषा सांगवान को कारण बताओ नोटिस

Haryana Congress: ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ कार्यक्रम में हंगामे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने दिखाई सख्ती, पहली बार हुड्डा खेमे पर गिरी गाज
मनीषा सांगवान की फाइल फोटो। स्रोत मनीषा सांगवान के एक्स अकाउंट से
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Haryana Congress:  हरियाणा कांग्रेस में पहली बार प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र ने सख्त तेवर दिखाते हुए संगठन के भीतर अनुशासनहीनता पर सीधी कार्रवाई की है। चरखी दादरी से कांग्रेस की पूर्व प्रत्याशी डॉ. मनीषा सांगवान को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस दादरी में 13 अक्टूबर को हुए ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ कार्यक्रम के दौरान मचे भारी हंगामे के बाद जारी किया गया है, जिसमें पार्टी की छवि को गंभीर क्षति पहुंची।

कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र और एआईसीसी सचिव जितेंद्र बघेल मौजूद थे। लेकिन जैसे ही मंच से भाषण शुरू हुए, मनीषा सांगवान के समर्थकों ने नारों और नोकझोंक से माहौल बिगाड़ दिया। नतीजतन, पूरा कार्यक्रम अव्यवस्थित हो गया और कांग्रेस की एकजुटता की तस्वीर बिखर गई। मीडिया में भी पार्टी के अंदरूनी टकराव और खेमेबाजी की खबरें प्रमुखता से चलीं।

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15 अक्टूबर को जारी नोटिस में पार्टी ने साफ लिखा है कि दादरी कार्यक्रम के दौरान आपके समर्थकों ने अनुशासनहीनता की हद पार कर दी, जिससे पार्टी की साख पर बट्टा लगा। यह भी कहा गया है कि पूरे कार्यक्रम का संदेश और प्रभाव जमीनी स्तर पर खत्म हो गया। मनीषा सांगवान से दस दिन के भीतर जवाब मांगा गया है कि आखिर उनके समर्थकों का ऐसा आचरण क्यों हुआ और इसके लिए जिम्मेदारी कौन लेगा।

एचपीसीसी के असिस्टेंट ऑफिस सेक्रेटरी नीरज कुमार द्वारा हस्ताक्षरित इस नोटिस को प्रदेश कांग्रेस में एक ‘संदेश’ के रूप में देखा जा रहा है — कि संगठन में अब किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

गौरतलब है कि मनीषा सांगवान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी मानी जाती हैं और कांग्रेस के भीतर उनका चेहरा हुड्डा गुट से जुड़ा रहा है। ऐसे में यह नोटिस सीधे तौर पर राव नरेंद्र की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

राव नरेंद्र ने अध्यक्ष पद संभालते ही साफ कहा था कि “पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि होगा और जो भी सीमा लांघेगा, उसे जवाब देना होगा।” मनीषा सांगवान को नोटिस जारी होना इस चेतावनी की पहली मिसाल है।

राजनीतिक हलकों में इसे राव नरेंद्र की ‘पहली सर्जिकल स्ट्राइक’ बताया जा रहा है — जो यह संकेत देती है कि अब हर नेता को पार्टी लाइन से बाहर कदम रखने से पहले दो बार सोचना होगा।

नोटिस का जवाब दे दिया जाएगाः मनीषा सांगवान

वहीं, नोटिस पर मनीषा सांगवान ने कहा कि कांग्रेस के वर्कर उन लोगों को स्टेज पर बैठाने से नाराज थे, जिन्होंने चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ काम किया था। कार्यकर्ताओं को बोलने का समय नहीं दिया गया था, जिस वजह से नाराजगी थी। मुझे मिले नोटिस का जवाब दे दिया जाएगा। अब यह कैसे तय किया जाएगा कि हंगामा करने वाले में मेरे समर्थक थे, क्योंकि सभी कांग्रेस के वर्कर हैं।

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