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हरियाणा के CM सैनी बोले- GST में बदलाव से जनता को मिलेगी बड़ी राहत, विज व बराला ने भी सराहा

GST 2.0:

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जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान सीएम सैनी। डीपीआर
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GST 2.0: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में आम जनता को राहत देने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। इनमें कर संरचना का सरलीकरण, आम वस्तुओं पर टैक्स दरों में कमी, बीमा सेवाओं को करमुक्त करना और सेस खत्म करना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ने इन सभी प्रस्तावों का पूर्ण समर्थन किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि परिषद ने कर ढांचे को और आसान बनाया है। पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल करते हुए व्यवसायियों के लिए सुगमता बढ़ाई जाएगी। साथ ही, जीवन और स्वास्थ्य बीमा तथा पुनर्बीमा सेवाओं को जीएसटी से बाहर रखकर लोगों पर वित्तीय बोझ कम किया गया है।

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ट्रैक्टर और उनके पुर्जों पर जीएसटी दर घटाई

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ट्रैक्टर और उनके पुर्जों पर जीएसटी दर घटाई गई है। इससे किसानों की लागत कम होगी और वे आधुनिक मशीनरी अपना सकेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा।

खाने-पीने की चीजें होंगी सस्ती

जीएसटी परिषद ने आम उपभोक्ताओं को राहत देते हुए कई खाद्य पदार्थों पर टैक्स दरें घटाई हैं। पैकेज्ड दूध और पनीर पर जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। वहीं घी, मक्खन और ड्राई फ्रूट्स पर दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे महंगाई पर नियंत्रण होगा और पौष्टिक आहार आमजन की पहुंच में आएगा।

हरियाणा के फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बल

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य खाद्य वस्तुओं पर टैक्स समाप्त करने से हरियाणा के देसी भोजन व्यवसाय को नई ऊर्जा मिलेगी। इससे प्रदेश का फूड प्रोसेसिंग उद्योग भी मजबूत होगा। खेत से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी वैल्यू चेन को फायदा पहुंचेगा और स्थानीय उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा।

‘एक भारत – एक कर – एक बाजार’ की दिशा में बड़ा कदम

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2017 में लागू हुए जीएसटी को आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल कर प्रणाली सरल हुई बल्कि राज्यों के बीच व्यापारिक बाधाएं भी खत्म हुईं।

हरियाणा का कर संग्रह दोगुना

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा का नेट एसजीएसटी संग्रह वर्ष 2018-19 के 18,910 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 39,743 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। छोटे भौगोलिक आकार और सीमित जनसंख्या के बावजूद हरियाणा सकल जीएसटी संग्रह में देश के बड़े राज्यों की सूची में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है।

उपभोक्ताओं तक पहुंचे टैक्स कटौती का फायदा

मुख्यमंत्री सैनी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि टैक्स दरों में कमी का सीधा लाभ अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि यही इन फैसलों का वास्तविक उद्देश्य है और इससे जनता को व्यापक राहत मिलेगी।

जीएसटी 2.0 की मुख्य बातें

  • ट्रैक्टर और पुर्जों पर जीएसटी घटा, किसानों को बड़ी राहत
  • पैकेज्ड दूध व पनीर टैक्स फ्री, घी-मक्खन-ड्राई फ्रूट्स पर दर घटकर 5%
  • हरियाणा का एसजीएसटी संग्रह 6 साल में दोगुना, देश में पांचवें स्थान पर
  • सेस समाप्त, बीमा सेवाएं टैक्स फ्री – जनता पर घटेगा बोझ

सांसद सुभाष बराला ने 56वीं जीएसटी परिषद बैठक के फैसलों को बताया ऐतिहासिक

राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए फैसलों का स्वागत करते हुए इन्हें ऐतिहासिक और दूरगामी प्रभाव डालने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और परिषद के सभी सदस्यों के दूरदर्शी नेतृत्व में लिए गए निर्णय आम नागरिकों, किसानों, उद्योगों और व्यापार जगत के लिए राहत लेकर आए हैं।

कर संरचना और आम जनता को राहत

सांसद बराला ने कहा कि जीएसटी दरों का युक्तिकरण कर अब प्रमुख दरें 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत लागू होंगी। इससे कर प्रणाली और सरल होगी तथा आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा। रोजमर्रा की वस्तुओं पर कर घटाने से लोगों की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा। रोटी और परांठा जैसी वस्तुएं अब करमुक्त होंगी। खाद्य वस्तुओं, दुग्ध उत्पादों और पैकेज्ड फूड पर भी जीएसटी दरों में कमी की गई है। मक्खन और ड्राई फ्रूट्स पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।

किसानों और ऊर्जा क्षेत्र को फायदा

बराला ने कहा कि किसानों के लिए कृषि उपकरण, ट्रैक्टर पार्ट्स, सिंचाई व जुताई मशीनों पर कर कम किया गया है। उर्वरक और जैव-कीटनाशकों पर जीएसटी दरों में कमी से खेती की लागत घटेगी। उन्होंने बताया कि सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, जिससे हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद होगी।

उद्योग और व्यापार जगत के लिए राहत

सांसद ने कहा कि वस्त्र उद्योग और छोटे व्यापारियों को भी फैसलों से लाभ होगा। करों में राहत से उनके कारोबार की लागत घटेगी और प्रतिस्पर्धा की क्षमता बढ़ेगी।

हरियाणा में एसजीएसटी संग्रहण में बढ़ोतरी

बराला ने बताया कि हरियाणा में एसजीएसटी संग्रहण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2018-19 में जहां एसजीएसटी संग्रह 18,910 करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 39,743 करोड़ हो गया है, यानी 110 प्रतिशत की वृद्धि। सीमित जनसंख्या वाला हरियाणा देश में एसजीएसटी संग्रहण में 5वें स्थान पर है।

केंद्र सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण

सांसद बराला ने कहा कि ये निर्णय केंद्र सरकार की आमजन, किसानों और उद्योग जगत के प्रति संवेदनशीलता और दूरदृष्टि को दर्शाते हैं। इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, रोजगार सृजन होगा और हरियाणा सहित पूरे देश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।

कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने एक्स पर लिखा – नरेंद्र मोदी इज ग्रेट!

हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की दरों में कमी और स्लैब बदलाव का निर्णय ऐतिहासिक है। इस फैसले से बहुत ज्यादा सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे और हर वर्ग को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी दरों में बदलाव कर विकास के पहिए को रॉकेट की स्पीड से गति देने का काम किया है।

विज का सोशल मीडिया पोस्ट

विज ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा – “जीएसटी की दरों में बदलाव से आर्थिक विकास, निवेश और मांग बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व गति आएगी। नरेंद्र मोदी इज ग्रेट।”

खरीदारी से रोजगार तक का अर्थचक्र

मीडिया से बातचीत में श्री विज ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जीएसटी की दरों को सरल और कम करके आम जनता के लिए राहत दी है। उन्होंने अर्थव्यवस्था के चक्र को समझाते हुए कहा – “अगर दाम कम होंगे तो लोग ज्यादा खरीदारी करेंगे। ज्यादा खरीदारी से मांग बढ़ेगी, मांग बढ़ने से नए कारखाने खुलेंगे। कारखाने खुलने से रोजगार मिलेगा और रोजगार मिलने के बाद लोग फिर से बाजार से खरीदारी करेंगे। इस प्रकार यह विकास का चक्र लगातार घूमता रहेगा।”

सभी वर्गों को फायदा

मंत्री विज ने कहा कि जीएसटी दरों और स्लैब बदलाव का सीधा असर किसानों, व्यापारियों, उद्योगों, कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और देश को नई दिशा मिलेगी।

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