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Haryana Assembly Budget Session: गरीब परिवार के मेधावी बच्चों के सिर पर होगा सरकार का हाथ

Haryana Assembly Budget Session: मेडिकल और इंजीनियरिंंग की पढ़ाई का खर्चा उठाएगी नायब सरकार
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बजट सत्र से पहले सीएम नायब सिंह सैनी। फोटो डीपीआर एक्स अकाउंट
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 7 मार्च

Haryana Assembly Budget Session: हरियाणा के मेधावी विद्यार्थियों की राह में अब गरीबी रोड़ा नहीं बनेगी। ऐसे बच्चों के सिर पर सरकार का हाथ होगा। उनकी एजुकेशन का प्रबंध सरकार करेगी। इसमें मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ गिरवी व गारंटी बिना लोन की सुविधा भी होगी। शिक्षा में सुधार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने व गरीब विद्यार्थियों की मदद से जुड़ी योजनाओं का नायब सरकार का विजन शुक्रवार को राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय ने विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत में स्पष्ट किया।

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विद्यार्थियों की हॉयर एजुकेशन से जुड़ी योजनाओं की विस्तृत जानकारी और इनके लिए फंड का खुलासा 17 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में होगा। प्रदेश के सभी सरकरी व सरकारी सहायता प्राप्त (एडिड) कॉलेजों में स्नातक स्तर पर छात्राओं की ट्यूशन फीस माफ रहेगी। स्नातकोत्तर करने वाली बेटियां भी मुफ्त पढ़ाई करेंगी। इस योजना का लाभ उन्हीं छात्राओं को मिलेगा, जिनके परिवार की सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है।

केंद्र की मोदी सरकार की ‘पीएम विद्या लक्ष्मी’ योजना को हरियाणा में लागू किया जाएगा। इसके तहत उच्च कोिट के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वो छात्राें को ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों के लिए बैंकों से बिना गिरवी व गारंटी के सरकार लोन दिलवाएगी। यहां बता दें कि प्रदेश सरकार ‘पीएमश्री विद्यालय’ योजना के तहत प्रदेश में अभी तक 250 स्कूल खोले जा चुके हैं। इन स्कूलों की संख्या भी सरकार बढ़ाएगी।

हरियाणा, देश का पहला राज्य हैं, जहां सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है। इस नीति के तहत प्रदेश में कई तरह के बदलाव किए हैं। शिक्षा के बजट में इस बार बढ़ोतरी भी संभव है। प्रदेश के 1500 स्कूलों को स्मार्ट बनाने का सैद्धांतिक तौर पर फैसला भी सरकार कर चुकी है। स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर मुख्य फोकस रहेगा। मेडिकल व इंजीनियरिंग की पढ़ाई देश के किसी भी सरकारी संस्थान से करने वाले गरीब विद्यार्थियों का खर्चा भी सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

1 लाख 11 हजार नकद

नायब सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को कक्षा 12वीं में 90 प्रतिशत या इससे अधिक अंक हासिल करने पर 1 लाख 11 हजार रुपये नकद पुरस्कार देने की भी योजना शुरू की है। चालू वित्त वर्ष में इस योजना के तहत 704 विद्यार्थियों को 7 करोड़ 81 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। यह योजना आगे भी जारी रहेगी।

2018 में पूर्व की मनोहर सरकार के समय शुरू किए गए ‘सुपर-100’ कार्यक्रम को भी जारी रखा जाएगा। ‘सुपर-100’ के तहत कोचिंग करने के बाद कई विद्यार्थियों ने आईआईटी, जेई, नीट आदि परीक्षाओं को पास किया है। 190 विद्यार्थी आईआईटी एडवांस और 333 नीट क्वालीफाई कर चुके हैं।

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