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Haryana: हरियाणा में यूनिवर्सिटी के 1400 कांट्रेक्ट टीचर्स को मिलेगी नौकरी सुरक्षा!

Haryana Contract Teachers: शीतकालीन सत्र में नायब सरकार ला सकती है इस पर अधिनियम

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सांकेतिक फाइल फोटो।
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Haryana Contract Teachers: हरियाणा के सरकारी विश्वविद्यालयों में काम कर रहे लगभग 1400 अनुबंधित सहायक प्रोफेसरों के लिए इस साल का अंत उम्मीदों से भरा साबित हो सकता है। सरकार अब इन शिक्षकों को भी नौकरी सुरक्षा (जॉब सिक्योरिटी) देने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में फाइल प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और संभावना है कि आगामी शीतकालीन विधानसभा सत्र में इस पर अधिनियम लाया जा सकता है।

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हरियाणा में अनुबंध आधारित नियुक्तियों का मॉडल नया नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए गेस्ट टीचर पॉलिसी आई थी, लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया जा सका। इसके बाद सत्ता में आई मनोहर लाल खट्टर सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम महीनों में बड़ा फैसला लिया और विधानसभा में विशेष कानून पास कर सभी गेस्ट टीचर्स को 58 वर्ष तक जॉब सिक्योरिटी दी।

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इस कदम को उस समय शिक्षकों के लिए ऐतिहासिक निर्णय माना गया। यही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ही प्रदेश से ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया। उन्होंने विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों में ठेकेदारों के मार्फत कांट्रेक्ट कर्मचारियों के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया। ठेकेदारों के जरिये लगे कर्मचारियों को निगम के अधीन लाया गया। निगम ने नई भर्तियां भी की। वर्तमान में एक लाख 20 हजार से अधिक कर्मचारी निगम के तहत कार्यरत हैं।

मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस नीति को आगे बढ़ाते हुए विभागों, बोर्डों और निगमों में ठेकेदारी सिस्टम के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को भी जॉब सिक्योरिटी देने का कानून लागू करवाया। इस अधिनियम के तहत जिन कर्मचारियों की सेवाओं को 5 वर्ष पूरे हो चुके थे, उन्हें रिटायरमेंट आयु तक नौकरी की गारंटी मिल गई। अब उसी मॉडल को विश्वविद्यालयों के लिए लागू करने का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों की ओर से प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और कानूनी राय भी ली गई है।

लंबा इंतजार, अब ठोस समाधान

वर्ष 2010 से विश्वविद्यालयों में नियुक्त कांट्रेक्ट टीचर्स बेहद कम मानदेय और अस्थिर व्यवस्था में काम कर रहे थे। शुरूआत में शिक्षकों को 300 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से देने शुरू किए गए, लेकिन इसमें भी अधिकतम मासिक मानदेय की 10 हजार रुपये की कैप लगाई हुई थी। बाद में शिक्षकों के आंदोलन तथा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद मानदेय बढ़ा और 2019 में अधिकतर विश्वविद्यालयों में 7वें वेतन आयोग आधारित पे-स्केल बिना भत्ते लागू किया गया। लेकिन नौकरी की स्थिरता अब तक दूर की चीज बनी रही।

अब उम्मीदों की नई रोशनी

पिछले वर्ष मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सार्वजनिक मंचों पर आश्वासन दिया था कि विश्वविद्यालयों के कांट्रेक्ट टीचर्स को भी नौकरी सुरक्षा दी जाएगी। तब से लगातार इस दिशा में काम चला और अब यह प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित अधिनियम के तहत जिन कांट्रेक्ट टीचर्स की सेवा 15 अगस्त, 2024 तक 5 वर्ष पूरी हो चुकी है, उन्हें जॉब सिक्योरिटी मिल सकती है। इन शिक्षकों को भी अन्य नियमित शिक्षकों की तरह रिटायरमेंट आयु (60 वर्ष या निर्धारित आयु) तक कार्य करने का अधिकार मिलेगा। पात्रता सूची विश्वविद्यालयों द्वारा विभाग को भेजी जा चुकी है।

टीचर्स के चेहरों पर उम्मीद, सरकार पर निगाहें

हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन (हकूटा) के नेतृत्व ने इसे आंदोलन की बड़ी उपलब्धि बताया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार मलिक ने कहा कि यह कदम न केवल शिक्षकों को सम्मान देगा बल्कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता और शोध माहौल को भी मजबूत करेगा। अगर यह फैसला शीतकालीन सत्र में पारित हो जाता है तो यह हरियाणा के विश्वविद्यालयों में कार्यरत अनुबंधित शिक्षकों के लिए नए वर्ष का सबसे बड़ा तोहफा होगा। लंबे संघर्ष के बाद अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन शिक्षकों की प्रतीक्षा खत्म होने को है और जल्द ही उन्हें भी स्थायी रोजगार और सुरक्षित भविष्य का अधिकार मिल सकता है।

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